लोकनिर्माण विभाग के कम्प्यूटर ऑपरेटरों का तीन साल से नहीं बढ़ी सैलरी
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय के अवर अभियंता के अधीन कार्यरत करीब तीन दर्जन कम्प्यूटर आपरेटरों का वेतन पिछले तीन वर्ष से नहीं बढ़ाया गया है। आउटसोर्सिंग से तैनात इन कम्प्यूटर आपरेटरों...
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लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय के अवर अभियंता के अधीन कार्यरत करीब तीन दर्जन कम्प्यूटर आपरेटरों का वेतन पिछले तीन वर्ष से नहीं बढ़ाया गया है। आउटसोर्सिंग से तैनात इन कम्प्यूटर आपरेटरों का आरोप है कि विभाग के कई अन्य खण्डीय वृत्त कार्यालयों के कम्प्यूटर आपरेटरों का वेतन बढ़ा दिया गया है। इनमें विभाग के गोण्डा, बहराइच-श्रावस्ती, गोरखपुर, बदायूं, पीलीभीत, प्रयागराज, बुलंदशहर वृत्त के अधीक्षण अभियंता कार्यालय में कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटरों को 24 हजार रुपये (दस प्रतिशत लाभांश व जीएसटी के अलावा) दिया जा रहा है। मगर विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय में कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटरों को ठेकेदार का लाभांश व जीएसटी के अलावा 19651 रुपये प्रतिमाह का वेतन दिया जा रह है। इस वेतन में भी मनमानी की जाती है।
इस बारे में इन कम्प्यूटर आपरेटरों ने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व लोक निर्माण विभाग के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य को एक ज्ञापन भी दिया था, जिस पर उन्होंने विभाग के प्रमुख अभियंता (विकास)/विभागाध्यक्ष को लिखित निर्देश दिए थे कि इन कम्प्यूटर आपरेटरों की सहानुभूतिपूर्वक विचार कर आवश्यक कार्यवाही करें मगर आज तक विभागीय मंत्री के इन निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया।
इन कम्प्यूटर आरपरेटरों ने बताया कि इस साल बीती 17 सितम्बर को प्रमुख अभियंता विकास एवं विभागाध्यक्ष कार्यालय में एक बैठक हुई थी। इस बैठक में निर्णय लिया गया था कि लखनऊ वृत्त के के अधीनस्थ खण्डीय कार्यालयों में संविदा / आउटसोर्सिंग के आधार पर कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटरों का मासिक पारिश्रमिक 22 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाए। नियमानुसार ठेकेदार का लाभांश और जीएसटी अलग से देय होगा। मगर इस निर्णय का अवर अभियंता कार्यालय के कम्प्यूटर के लिए क्रियान्वयन अब तक नहीं किया गया। यही नहीं इन कम्प्यूटरआपरेटों को समय से वेतन भी नहीं दिया जाता।
इस बारे में लोनिवि के वरिष्ठ स्टाफ आफिसर रामनाथ सिंह से सम्पर्क कर उनका पक्ष जानने का कई बार प्रयास किया गया। मगर उनसे सम्पर्क नहीं हो सका। कम्प्यूटर आपरेटरों का कहना है कि लगातार बढ़ती महंगाई के कारण इतने कम वेतन में पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन बहुत मुश्किल होता जा रहा है जबकि विभाग में हर साल बढ़ते बजट के साथ ई-टेण्डरिंग, ई-आफिस और शासनादेश को आनलाइन किये जाने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों का निष्पादन तत्परता के साथ पूरी लगन के साथ कार्य कर रहे हैं।