सहारनपुर में गैंगरेप के आरोपों से कोर्ट में मुकर गई पीड़िता, बोली- पुलिस के दबाव में बयान दिया था
सहारनपुर में गैंगरेप की घटना के छह साल बाद मामला पलट गया है। गैंगरेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता और केस दर्ज कराने वाला उसका भाई दोनों अदालत में अपने बयानों से मुकर गए हैं। अब दोनों पर केस होगा।
सहारनपुर में गैंगरेप की घटना के छह साल बाद मामला पूरी तरह पलट गया है। गैंगरेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता और एफआईआर दर्ज कराने वाला उसका भाई दोनों अदालत में अपने बयानों से मुकर गए हैं। पीड़िता ने अब अपने बयान में कहा कि पुलिस के दबाव में उसने सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाने वाले बयान दिए थे। इस मामले में एडीजे टिंकू कुमार की कोर्ट ने झूठा मामला दर्ज कराने और कोर्ट को गुमराह करने पर पीड़िता और उसके भाई के ही खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
पुलिस अधीक्षक नगर अभिमन्यु मांगलिक ने सोमवार को बताया कि पुलिस कोर्ट के आदेश का पालन करेगी। यह मामला थाना चिलकाना का है। जहां गांव रावणपुर बुजुर्ग निवासी युवती के चचेरे भाई ने 19 सितंबर 2018 को अपने गांव के जावेद, गय्यूर और नदीम के खिलाफ उनकी नाबालिग बहन को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कराया था।
पुलिस ने तीनों आरोपियों जावेद, गय्यूर और नदीम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तीनों आठ माह तक जेल में रहे। थाना चिलकाना के मौजूदा एसएचओ कपिल देव ने बताया कि रिपोर्ट में पीड़िता की उम्र 12 वर्ष लिखाई गई थी जबकि चिकित्सकीय जांच में वह बालिग पाई गई थी और इससे बाद आरोपियों पर से पोक्सो एक्ट की धारा हट गई थी। इस मुकदमें में 102 तारीखें अब तक लगी हैं।
पुलिस के मुताबिक कोर्ट में पीड़िता और उसका भाई दोनों ही अपने बयानों से मुकर गए और इस मामले में दोनों ने पुलिस को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। इस मामले में पीड़िता के परिजनों ने तीनों आरोपियों के पक्ष में एसएसपी को शपथ पत्र भी दिए थे। मामला झूठा पाए जाने पर आरोपियों ने राहत की सांस ली लेकिन एडीजे टिंकू कुमार ने कोर्ट को गुमराह करने पर वादी इम्तियाज के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।