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प्रचार में अकेले पड़े अखिलेश? सपा में दूसरी पंक्ति के कद्दावर नेताओं की कमी, शिवपाल का यूज नहीं

समाजवादी पार्टी ने वोट तो 32 प्रतिशत पाए लेकिन सीटें उस तरह नहीं निकल पाईं जिससे सरकार बन सके। तमाम अनुकूलताओं के बावजूद सपा में दूसरी पंक्ति के नेता या यूं कहें इलाकाई क्षत्रपों की कमी के चलते...

प्रचार में अकेले पड़े अखिलेश? सपा में दूसरी पंक्ति के कद्दावर नेताओं की कमी, शिवपाल का यूज नहीं
विशेष संवाददाता ,लखनऊ Tue, 15 Mar 2022 07:01 AM

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समाजवादी पार्टी ने वोट तो 32 प्रतिशत पाए लेकिन सीटें उस तरह नहीं निकल पाईं जिससे सरकार बन सके। तमाम अनुकूलताओं के बावजूद सपा में दूसरी पंक्ति के नेता या यूं कहें इलाकाई क्षत्रपों की कमी के चलते कार्यकर्ता बहुत सक्रिय नहीं हो सके। बहुत सी सीटों पर प्रभावी प्रचार भी नहीं हो पाया। अकेले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर सारा दारोमदार आने के कारण भी पूरा चुनाव अभियान उनके इर्द-गिर्द सिमट गया।

जबकि, सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने सक्रिय राजनीति के अपने दौर में जनाधार वाले कई नेताओं को अपने साथ जोड़ा था और दूसरी पंक्ति के तमाम नेताओं को आगे बढ़ा कर इलाकाई क्षत्रप के रूप में आगे बढ़ाया। यही कारण है कि जनेश्वर मिश्र,बेनी प्रसाद वर्मा, मोहन सिंह जैसे तमाम कद्दावर नेता पूरब से लेकर पश्चिम और मध्य यूपी व बुंदेलखंड तक सक्रिय थे।

सपा में अब इस बात पर मंथन शुरू हो गया है। हालांकि पार्टी के संगठन में तमाम नए पुराने नेता, पदाधिकारी हैं। पूरी प्रदेश कार्यकारिणी है। ढेर सारे नेता बसपा से आए हैं। मुलायम सिंह यादव के साथ काम कर चुके नेता भी पार्टी में कम नहीं हैं। इन सबको सपा अध्यक्ष ने जिम्मेदारी भी दे रखी है।

प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पर ही काफी जिम्मेदारी रही। उनके सहयोग में प्रशासनिक कार्यों के लिए कई सहयोगी लगाए गए। इस बार मुलायम परिवार के सदस्य भी ज्यादा सक्रिय भूमिका में नहीं दिखे। लोकसभा चुनाव हार चुके धर्मेंद्र यादव, अक्षय यादव अपने अपने क्षेत्र में प्रचार के लिए जरूर निकले। पूरा चुनाव सपा नेतृत्व के भरोसे हो गया। सहयोगी दलों में ओम प्रकाश राजभर व जयंत चौधरी कई रैलियों, जनसभाओं व प्रेस कांफ्रेंस अखिलेश यादव के साथ दिखे। स्टार प्रचारकों के तौर पर जया बच्चन, डिंपल यादव व रामगोपाल यादव ने कुछ एक सभाओं को ही संबोधित किया।

शिवपाल का नहीं हुआ उपयोग
अखिलेश ऐन मौके पर चाचा शिवपाल यादव को साथ लाने और एक सीट पर मनाने में कामयाब हुए लेकिन उनकी क्षमताओं का उपयोग नहीं हो पाया। शिवपाल यादव केवल जसवंतनगर में अपने लिए ही जनसभा करते रहे।

स्थापना से लेकर अब तक के सपा के वोट
चुनाव वर्ष लड़ी जीती वोट

1993 264 109 17.82

1996 281 110 21.80

2002 390 141 25.38

2007 393 97 25.45

2012 401 224 29.15

2017 311 47 21.82

2022 347 111 32.06

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