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आरएसएस नेता को करनी का मिला फल, बच्चे से कुकर्म में आजीवन कारावास की सजा 

हमीरपुर में कुकर्म करने के बाद छात्र की हत्या करने वाले आरएसएस के पूर्व नगर प्रचारक को बुधवार को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही अदालत ने उस पर 1.10 लाख का जुर्मान भी लगाया है।

आरएसएस नेता को करनी का मिला फल, बच्चे से कुकर्म में आजीवन कारावास की सजा 
Yogesh Yadavहिन्दुस्तान,हमीरपुरWed, 31 May 2023 10:36 PM
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हमीरपुर में कुकर्म करने के बाद छात्र की हत्या करने वाले आरएसएस के पूर्व नगर प्रचारक को बुधवार को विशेष न्यायाधीश (डकैती) कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही अदालत ने उस पर 1.10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की धनराशि में से एक लाख रुपये छात्र के पिता को दिए जाएंगे। अपर शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मणिकर्ण शुक्ला व सहायक शासकीय अधिवक्ता राजेश तिवारी ने बताया कि 12 दिसंबर 2007 को कक्षा नौ का छात्र हरनाम सिंह सेंगर से पढ़ने गया था। हरनाम रानी लक्ष्मीबाई नगर में रहता था। इसके बाद से छात्र घर नहीं पहुंचा।

घटना के आठ माह बाद पुलिस ने 22 अगस्त 2008 को हरनाम सिंह सेंगर, सरस्वती विद्या मंदिर के व्यायाम शिक्षक पंकज सिंह सहित छात्र के दो नाबालिग साथियों को गिरफ्तार किया था। मुख्य आरोपी हरनाम सिंह ने छात्र की हत्या कर शव यमुना में फेंके जाने का जुर्म स्वीकार कर लिया था। छात्र की पैंट, डायरी और चप्पलें संघ के प्रेरणाकुंज कार्यालय से घटना के आठ माह बाद बरामद हुई थीं। छात्र का शव पुलिस तलाश नहीं कर सकी थी। 

मुंह छिपाकर कोर्ट से निकला हत्याराः कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद हरनाम सिंह सेंगर कोर्ट रूम से अपने मुंह को अंगौछे से छिपाता हुआ निकला। हरनाम के साथ चल रहे अन्य बंदियों ने उसे कवर कर रखा था।

हरनाम सिंह सेंगर के साथी भी कोर्ट परिसर में मौजूद थे। हरनाम को लेकर पुलिस कर्मी लॉकप की ओर बढ़े तो कुछ बंदी और हरनाम के साथी मीडिया कर्मियों से उलझ गए। मामला वकील के पुत्र से जुड़ा होने के बावजूद पुलिस ने यहां मुस्तैदी नहीं दिखाई। 

कई दिनों तक चले थे वकीलों के प्रदर्शनः शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता का 13 वर्षीय नाती 12 दिसंबर 2007 को गायब हुआ था। 13 दिसंबर को कोतवाली में गुमशुदगी और 17 दिसंबर को अज्ञात के विरुद्ध अपहरण की रिपोर्ट दर्ज हुई थी।

वकीलों ने कई दिनों तक धरना-प्रदर्शन भी किया था। इस मामले को तत्कालीन एसपी नचिकेता झा ने चुनौती के रूप में लिया था और एसटीएफ को घटना की जांच सौंपने से पहले ही पुलिस ने घटना का खुलासा कर दिया। 

हर धारा में सजा, हर धारा में जुर्मानाः मासूम के हत्यारे हरनाम को कोर्ट ने कुल तीन धाराओं में अलग-अलग सजा और जुर्माना ठोंका। धारा 201 में पांच साल की सजा और दस हजार रुपये का जुर्माना, धारा 364 आईपीस के तहत 10 साल की सजा और 40 हजार रुपये का जुर्माना और धारा 302 आईपीसी के तहत 60 हजार रुपये का जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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