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3500 किराए के लालच में बिना आईडी आतंकी को इन्हों ने दे दिया था कमरा

3500 रुपए किराए के लालच में कमरुद्दीन के मकान मालिक उजियारी लाल यादव ने बिना आईडी आतंकी को कमरा दे दिया था। दो महीने से आतंकी बिना किसी तरह की जानकारी दिए यहां रह रहा था। टॉवर पर ड्यूटी लगी होने का...

आतंकी कमरुद्दीन को किराए पर घर देने वाले उजियारी लाल यादव।
1/ 2आतंकी कमरुद्दीन को किराए पर घर देने वाले उजियारी लाल यादव।
चकेरी के शिवनगर मोड़ स्थित इसी मकान में एटीएस ने आतंकी कमरुद्दीन को किया गिरफ्तार।
2/ 2चकेरी के शिवनगर मोड़ स्थित इसी मकान में एटीएस ने आतंकी कमरुद्दीन को किया गिरफ्तार।
हिन्दुस्तान टीम,कानपुरFri, 14 Sep 2018 01:21 PM
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3500 रुपए किराए के लालच में कमरुद्दीन के मकान मालिक उजियारी लाल यादव ने बिना आईडी आतंकी को कमरा दे दिया था। दो महीने से आतंकी बिना किसी तरह की जानकारी दिए यहां रह रहा था। टॉवर पर ड्यूटी लगी होने का हवाला देकर तीन महीने के लिए उसने कमरा किराए पर लिया था। उसके साथ कमरे में दो अन्य साथी भी रुकते थे।
चकेरी गांव निवासी उजियारी लाल यादव ने दो वर्ष पहले शिवनगर मोड़ पर घर बनवाया था। इसमें करीब 20 कमरे बनाए गए हैं। पहली मंजिल पर कमरुद्दीन समेत नौ लोग किराए पर रहते हैं। ज्यादातर किराएदार 1500 से 2200 रुपए तक रहते हैं, सिर्फ कमरद्दीन ही 3500 रुपए किराया देता था। उजियारी के मुताबिक वह घर के सामने बने पार्क में सुबह टलहने के लिए आते हैं। दो महीने पहले वह घर के बाहर बैठे हुए थे तभी कमरुद्दीन उसके पास आया था। उसने टॉवर पर ड्यूटी लगी होने का हवाला देकर किराए पर कमरा मांगा थाजिसे 3500 रुपए प्रति महीने पर दे दिया था। आईडी मांगने पर लखनऊ के घर से एक हफ्ते में लाकर देने को कहा था। कमरुद्दीन ने अभी तक सिर्फ एक महीने का किराया दिया था। इससे पहले ही एटीएस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। अन्य किराएदारों से ज्यादा पैसा मिलने के चलते उजियारी ने कमरुद्दीन की छानबीन तक नहीं की। बिना किसी पड़ताल के उन्होंने कमरा देकर मुंह मोड़ लिया।
मकान मालिक लड़ चुका पार्षदी का चुनाव  
मकान मालिक उजियारी लाल यादव 2012 में निर्दलीय पार्षदी का चुनाव भी लड़ चुका है। उसके पास सात बीघा खेती है। खेती का पैसा मकान में लगाकर उसे किराए पर उठाने के लिए बनाया था। घर में अभी भी कई कमरे खाली पड़े हैं। पहली मंजिल में आतंकी के सामने एक कमरे में प्राइवेट कर्मी देवेंद्र कुमार गुप्ता और उनकी पत्नी पूजा उत्तम रहती हैं। नीचे रिटायर एलएमएल कर्मी गोरंगू लाल सर्खिल, प्राइवेट कर्मी नीरज, मकसूदन, रेलवे गैंगमैन जानकी, ढाबे में काम करने वाला अमृतलाल, रिटायर दरोगा प्रेमकुमार पाल का साला और अंकित सात किराएदार रहते है्रैं इसी तरह के दो कमरों में उजियारी लाल का ऑफिस बना हुआ है। 
आतंकी के साथ दो लोग कौन थे 
आतंकी वाले कमरे के सामने रहने वाली पूजा ने बताया कि कमरुद्दीन के साथ दो लोग और थे। कभी तीन भी रुक जाते थे और कभी दो। वह सुबह निकल जाते थे और रात में ही आते थे। किसी से मतलब नहीं रखते थे। जैसे कोई निकल रहा होता था तो वह कमरे में घुस जाते थे। हमेशा कमरे की कुंडी बंद करके रखते थे। कई किराएदारों ने तो उनको देखा तक नहीं। वह आसपास से लेकर किसी से भी मतलब नहीं रखते थे। उन्होंने कभी किसी से एक भी सामान नहीं मांगा। इसलिए ज्यादा किसी को उनके बारे में जानकारी तक नहीं थी। मोहल्ले के लोग भी किराया का मकान होने के चलते ज्यादा मतलब नहीं रखते थे।
पानी तक नहीं भरता, जमीन पर सोता था 
कमरुद्दीन और उनके साथी अपनी पहचान छुपाने और आसपास के लोगों से मतलब न रखने की वजह से सार्वजनिक पानी तक नहीं लेते थे। वह पीने का पानी भी नहीं भरते थे। वह मिनरल वॉटर का बड़ा कंटेनर लगाकर उपयोग करते थे। कमरे में चारपाई तक नहीं थी। जमीन पर गद्दा बिछाकर सोते थे। उनके कमरे में उबले चने और पपीता रखा हुआ है। एक पंखा और एक घड़ा भी रखा है। बाथरूम सार्वजनिक होने के बावजूद वह कब आते-जाते थे किसी को पता नहीं। आतंकी के कमरे में एक छोटा सिलेंडर व खाना बनाने की सामग्री रखी है। पूजा ने बताया कि अगर वह किसी के सामने आ जाते थे तो तत्काल कमरे में घुस जाते थे। इसलिए उनकी हरकत का किसी को अंदाजा नहीं था। 
किसी से बातचीत नहीं, हर कोई हैरान
आतंकी की पूरे मकान से लेकर आसपास पर किसी से बातचीत नहीं होती थी। एटीएस टीम जब उसे लेकर जा रही थी तभी चारपाई पर पैर लगने के चलते किराएदार गोरंगू ने उसे देखा। एटीएस के जवान और अफसरों की संख्या ज्यादा होने की वजह से वह चुपचाप देखते रहे। उन्होंने बताया कि जब उसे ले गए तब जानकारी हो सकी। आसपास के लोगों ने बताया कि उजियारी के मकान के सामने पार्क होने की वजह से कई गाड़ियां आकर रुकती थीं। वहां पर बने पार्क में लोग आते थे। इसलिए कौन आ जा रहा है। इसकी जानकारी नहीं हो पाती थी। आतंकी का मोहल्ले से लेकर पूरे मकान में किसी किराएदार से मेलजोल नहीं था। जब आसपास के लोगों ने उजियारी के मकान से आतंकी पकड़े जाने की जानकारी मिली तो कमरे को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई।

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