यूपी में स्कूल और अस्पताल जाने वाली सड़कें दो लेन की बनेंगी
स्कूलों, अस्पतालों और ग्रामीण क्षेत्र की कृषि बाजारों को जोड़ने वाली सकरी सड़कें चौड़ी कर दो-लेन बनाई जाएंगी। अगले पांच सालों में प्रदेश में इस योजना के तहत 18938 किमी. सड़कें चौड़ी की जानी हैं।...
स्कूलों, अस्पतालों और ग्रामीण क्षेत्र की कृषि बाजारों को जोड़ने वाली सकरी सड़कें चौड़ी कर दो-लेन बनाई जाएंगी। अगले पांच सालों में प्रदेश में इस योजना के तहत 18938 किमी. सड़कें चौड़ी की जानी हैं। जिसपर करीब 20 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण ने ऐसी सड़कों के चयन का काम जिलेवार शुरू कराया है।
सड़कों के चौड़ीकरण का यह काम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के तहत किया जाना है। केंद्र सरकार ने इसके लिए विस्तृत गाइड लाइन जारी कर दी है। 2019-20 से 2024-25 तक के लिए यह योजना है।
केंद्र सरकार की गाइड लाइन आने के साथ ही उ.प्र. ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण ने हर जिले में पीएमजीएसवाई के तहत बनी सड़कों की जियो टैगिंग शुरू करा दी है। सभी सड़कों को ऑनलाइन किया जा रहा है। अभिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुजीत कुमार के मुताबिक जिलेवार सड़कों का चयन कर विस्तृत कार्ययोजना के साथ केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए शीघ्र भेजा जाएगा।
सड़कों से छात्रों, किसानों और मरीजों पर दिया गया ध्यान: केंद्र सरकार ने पहली बार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में छात्रों, किसानों और मरीजों पर ध्यान केंद्रित किया है। इस योजना में ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि मंडियों, उच्च माध्यमिक विद्यालय तथा अस्पतालों को जोड़ने वाली सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर 5.5 मीटर चौड़ा किया जाएगा।
केंद्र सरकार के मानकों के मुताबिक ही जिला पंचायतों की समितियां सड़कों का चयन करेंगी। योजना के तहत 5.5 मीटर चौड़ाई में काली सड़कें बनाने के साथ ही अगल-बगल पाथ-वे होगा। इस प्रकार इन सड़कों की कुल चौड़ाई करीब सात मीटर हो जाएगी।
मेंटनेंस पांच साल से बढ़ाकर दस साल किया: पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाली सड़कों के रखरखाव (मेंटनेंस) की समयावधि अभी तक पांच साल थी। पीएमजीएसवाई-3 में इसे बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है।
एक अप्रैल 2020 से शुरू हो सकेगा काम
अभिकरण के सीईओ सुजीत कुमार के मुताबिक पीएमजीएसवाई-2 के तहत चालू वित्तीय वर्ष में प्रदेश में करीब 700 किमी. सड़कों का चौड़ीकरण और निर्माण का कार्य चल रहा है। पीएमजीएसवाई-3 की योजनाओं का काम एक अप्रैल 2020 से शुरू किया जाएगा। इससे पूर्व सड़कों का चयन और डीपीआर बनाने का काम होगा।