खतौली की जीत से रालोद के हौसले बुलंद, निकाय चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें लड़ने के लिए बढ़ाया दबाव
खतौली विधानसभा उप चुनाव में मिली सफलता से RLD के हौसले बुलंद हैं। उत्साहित राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के नेता अब नगर निकाय चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए दबाव बनाने लगे हैं।
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खतौली विधानसभा उप चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के नेता अब नगर निकाय चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए दबाव बनाने लगे हैं। चुनाव में आरक्षण तय करने की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही सपा के साथ गठबंधन में सीटें तय करने कवायद भी तेज हो गई है। निकाय चुनाव में सपा के साथ बेहतर समन्वय बनाए रखने और सीटों पर तालमेल पर बातचीत के लिए रालोद ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन भी कर दिया है। रालोद के प्रभाव वाले पश्चिमी यूपी के जिलों में दावेदारों की संख्या ज्यादा है। इन जिलों में वार्डों से लेकर मेयर और चेयरमैन तक के दावेदार हैं। सपा के साथ गठबंधन की स्थिति में मेयर या चेयरमैन के पदों पर साझा प्रत्याशी का चुनाव एक बड़ी चुनौती है।
आहत क्यों हैं जयंत
खतौली विधानसभा उपचुनाव में रालोद ने भाजपा का गढ़ माने जाने वाली खतौली में बड़ी जीत हासिल की है। इसके बाद भी रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी जश्न नहीं मना रहे हैं। उन्होंने जश्न मनाने से इनकार कर दिया बल्कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि वह आहत हैं।
जयंत ने ट्विटर पर खतौली की जीत के लिए अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि खतौली और मैनपुरी में जिस तरह सबका साथ मिला बहुत खुशी हुई। ये सर्व समाज में समरसता के अच्छे संकेत हैं। वहीं रामपुर में लोकतांत्रिक मूल्यों का जिस तरह गला घोंटा गया है उससे आहत हूं। जीत का जश्न नहीं मनाऊंगा। उन्होंने एक और ट्वीट कर कहा कि रालोद लकी नंबर नौ की तरफ अग्रसर है।