सोनभद्र हत्याकांड में खुलासा: ADG से पीड़ितों ने कहा- काफी देर से पहुंची थी पुलिस
घटना को लेकर पुलिस को फोन कर दिया गया था। बावजूद इसके पुलिस काफी देर बाद पहुंची। तब तक सब हो चुका था। हम लोगों पर जो गुण्डा एक्ट लगाया है, वह फर्जी तरीके से लगाया गया है। जमीन के विवाद को लेकर कई बार...
घटना को लेकर पुलिस को फोन कर दिया गया था। बावजूद इसके पुलिस काफी देर बाद पहुंची। तब तक सब हो चुका था। हम लोगों पर जो गुण्डा एक्ट लगाया है, वह फर्जी तरीके से लगाया गया है। जमीन के विवाद को लेकर कई बार थाने में जानकारी भी दे चुके हैं। यह बात उभ्भा गांव के ग्रामीणों ने चुर्क स्थित पुलिस लाइन में शुक्रवार को एडीजी वाराणसी जोन, बृज भूषण से हुई पूछताछ में बताया। पूछताछ के लिए गांव से दस ग्रामीणों को बुलाया गया था। सुबह लगभग साढ़े 11 बजे सभी ग्रामीण वहां पहुंच गए। उसके बाद इनसे पहले अलग-अलग और उसके बाद कुछ मिनटों के लिए सामूहिक रूप से पूछताछ की गई। पूछताछ में ग्रामीणों ने क्या बताया, इसके बारे में ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से नहीं बताया। बोले कि साहब ने मना किया। पूछताछ के लिए बुलाए गए ग्रामीण रामपति सिंह गोंड़ ने कहा कि हमसे पूछा गया कि उस दिन घटना कैसे हुई। इसके बारे में हमने साहब को बता दिया।
श्रीराम से पूछा गया कि पुलिस घटना के कितनी देर बाद पहुंची। इस पर श्रीराम ने बताया कि काफी देर बाद पुलिस वहां पहुंची। तब तक सब हो चुका था। उभ्भा गांव में 17 जुलाई को हुए गोलीकाण्ड में मरने वाले जवाहिर के भाई मोहन से पूछा गया कि वह घटना के समय क्या अपने भाई के साथ थे। इस पर उसने जवाब दिया कि हां। मृतक अशोक के भाई इंद्रजीत सिंह गोंड़ ने बताया कि उक्त जमीन पर पहले भी विवाद हो चुका था। इसकी जानकारी भी पुलिस को दी जा चुकी थी। इसके अलावा सन्तलाल, जगवन्त सिंह गोंड़, कालीचरण गोंड़, अनिता गोंड़, राम सकल गोंड़ और विजय गोंड़ ने पूछताछ में बताया कि पुलिस पहले भी उन लोगों को परेशान कर चुकी है। उन लोगो पर गुण्डा एक्ट फर्जी तरीके से लगाया गया है। इन लोगो के साथ आए रामराज ने बताया कि पुलिस को इस बात पर अधिक फोकस रहा है कि उभ्भा के कुछ ग्रामीणों पर पहले से जो गुण्डा एक्ट लगा है, वह कितना उचित है। रामराज के अनुसार हम लोगों ने साहब को बताया कि हम लोगों पर पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से गलत है। हमें सिर्फ फंसाने का काम ही पुलिस करती है।
इसलिए हुई पूछताछ
उभ्भा गांव के पीड़ितों से मिलने पिछले रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब गांव पहुंचे थे तब वहां के ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए एक ज्ञापन उन्हें सौंपा था। ज्ञापन में बताया गया था कि गांव के 50 से अधिक लोगों पर पुलिस ने गुण्डा एक्ट, मारपीट, शांतिभंग सहित अन्य मामलों में फर्जी तरीके से मुकदमा दर्ज किया हुआ है। इसे वापस लिया जाए। इसी क्रम में गांव के कुछ ग्रामीणों को पूछताछ के लिए शुक्रवार को बुलाया गया था।
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