Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़responsibility for the education of the slapping victim child fixed ngo will bear the entire expense

थप्‍पड़ कांड के पीड़‍ित बच्‍चे की पढ़ाई की जिम्‍मेदारी तय, NGO उठाएगी पूरा खर्च

मुजफ्फरनगर के गांव खुब्बापुर स्थित नेहा पब्लिक स्कूल में हुए थप्पड़ प्रकरण में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। BSA भी पेश हुए। बताया गया कि बच्‍चे की पढ़ाई का जिम्‍मा एक NGO ने लिया है।

Ajay Singh हिन्‍दुस्‍तान, मुजफ्फरनगरSat, 27 July 2024 06:38 AM
share Share

यूपी के मुजफ्फरनगर के गांव खुब्बापुर स्थित नेहा पब्लिक स्कूल में हुए थप्पड़ प्रकरण में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। बीएसए संदीप कुमार सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित छात्र की शारदेन स्कूल में पढ़ाई नियमित रखने के आदेश दिए। स्कूल के खर्च वहन के लिए प्रायोजक खोजने के निर्देश दिए। बीएसए ने एनजीओ से बात कर छात्र की आगे की पढ़ाई और परिवहन खर्च के लिए जिम्मेदारी तय कर दी है। अगली सुनवाई के लिए 2 सितंबर की तारीख लगी है।

मंसूरपुर के गांव खुब्बापुर स्थित नेहा पब्लिक स्कूल में 25 अगस्त 2023 को प्रधानाचार्य तृप्ता त्यागी ने पीड़ित छात्र को अन्य छात्रों से थप्पड़ लगवाए थे। दो का पहाड़ा नहीं सुनाने पर लगवाए गए थप्पड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। मामला विदेश तक पहुंचने के बाद तुषार गांधी ने इस मामले की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की, जिसके बाद मामले की सुनवाई कोर्ट में शुरू हुई। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बीएसए को निर्देश दिए कि छात्र की पढ़ाई शारदेन स्कूल में ही चलती रहनी चाहिए। छात्र के खर्च के लिए प्रायोजक की तलाश की जाए। बीएसए संदीप कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित छात्र की शारदेन स्कूल में ही पढ़ाई नियमित करने के निर्देश दिए। खर्च वहन के लिए एनजीओ की खोज के लिए कहा गया। शहीद मुर्तजा सामाजिक संगठन ने खर्च उठाने के लिए कहा है।

अब तक कोर्ट में 11 बार हो चुकी सुनवाई
तब से अब तक 11 सुनवाई कोर्ट में हो चुकी है, जिसमें मुजफ्फरनगर बीएसए को भी सुनवाई के दौरान तलब होना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट की बदौलत पीड़ित छात्र की विशेषज्ञों द्वारा काउंसलिंग के साथ शहर के शारदेन स्कूल में दाखिला हुआ, जिसका खर्च बीएसए विभाग वहन कर रहा है।

खर्च उठाने के लिए मिली एनजीओ
बीएसए संदीप कुमार ने बताया कि पीड़ित छात्र की स्कूल फीस और परिवहन खर्च उठाने के लिए एक एनजीओ आगे आया है। शहीद मुर्तजा सामाजिक संगठन ने खर्च वहन करने के लिए कहा है, लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी है कि यदि छात्र का परीक्षा परिणाम बेहतर नहीं रहेगा तो वह पीछे हट जाएगा। इस मामले को लेकर बीएसए और एनजीओ में वार्ता चल रही है।

पांच हजार से अधिक बैठेगा महीने का खर्च
पीड़ित छात्र की पढ़ाई से लेकर उसका परिवहन खर्च पांच हजार तक पहुंचेगा। 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से छात्र को परिवहन खर्च बीएसए विभाग अभी तक दे रहा है। इसके अलावा विद्यालय की फीस और अन्य एक्टिविटी खर्च को मिलाकर कुल पांच हजार के आसपास महीने का खर्च होगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें