Hindi NewsUP NewsResponsibility for Ram Mandir Construction give to Ramalaya Trust otherwise we will go to court says Swami Avimukteshwaranand Saraswati
'रामालय न्यास को दें राम मंदिर निर्माण का जिम्मा, नहीं तो जाएंगे कोर्ट'

'रामालय न्यास को दें राम मंदिर निर्माण का जिम्मा, नहीं तो जाएंगे कोर्ट'

संक्षेप: शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तश्वेरानंद सरस्वती ने केंद्र सरकार से मांग की है कि अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का जिम्मा अयोध्या श्रीरामजन्मभूमि रामालय न्यास को...

Tue, 21 Jan 2020 11:40 AMShivendra Singh वरिष्ठ संवाददाता, प्रयागराज
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शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तश्वेरानंद सरस्वती ने केंद्र सरकार से मांग की है कि अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का जिम्मा अयोध्या श्रीरामजन्मभूमि रामालय न्यास को दे। यदि सरकार ऐसा नहीं करती तो वे न्यायालय का सहारा लेंगे।

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मंदिर निर्माण होने तक रामलला के विग्रहों को चंदन से बने बाल मंदिर में रखा जाएगा। जिसका निर्माण शंकराचार्य ने मध्य प्रदेश में शुरू करा दिया है। शिवरात्रि के बाद किसी दिन शुभू मुहूर्त में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती स्वयं प्रयागराज से रथ पर बाल मंदिर लेकर अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे। सोमवार को माघ मेला स्थित शंकराचार्य शिविर में मीडिया के समक्ष उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार को नियमावली बनाकर उचित ट्रस्ट को जमीन सौंपने के लिए तीन माह का समय दिया है।

चारों शंकराचार्यों, पांचों वैष्णवाचार्यों और तेरहों अखाड़ों के रामालय न्यास ने केन्द्र सरकार के समक्ष मन्दिर निर्माण की अपनी प्रतिबद्धता रख दी है। रामालय न्यास सनातन हिन्दू धर्म के सर्वोच्च धर्माचार्यों का न्यास है। उसकी उपेक्षा कर कोई और ट्रस्ट यदि केन्द्र सरकार बनाती है तो उसका प्रबल विरोध किया जाएगा।

एक हजार आठ किलो सोने से मढ़ा जाएगा शिखर
अयोध्या श्रीरामजन्मभूमि रामालय न्यास की ओर से निर्मित किए जाने वाला मंदिर अद्वितीय होगा। इसे अंकोरवाट मंदिर से प्रेरणा लेकर बनाया जाएगा। 1008 फुट ऊंचे शिखर को 1008 किलो सोने से मढ़ा जाएगा। साथ ही एक लाख आठ लोगों के एक साथ दर्शन करने, भोजन प्रसाद ग्रहण करने की सुविधा होगी।

देश के हर गांव से संग्रहीत होगा सोना
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि अयोध्या राममन्दिर के लिए देश के प्रत्येक गांव और शहर के हर मोहल्ले से एक ग्राम सोना संग्रहीत करने का लक्ष्य रखा गया है। जिस पर 22 जनवरी को प्रयाग संत-भक्त संसद में निर्णय लिया जाएगा।

आज दर्शन के लिए रखा जाएगा मंदिर का मॉडल
बाल मंदिर एवं अंकोरवाट मंदिर का मॉडल मंगलवार दोपहर एक बजे शंकराचार्य शिविर में रखा जाएगा। चंदन की लकड़ी से बन रहे बालमन्दिर का आकार 24×24×36 फुट का होगा जिसके मध्य रामलला विराजमान का 6×6×9 फुट का स्वर्णमंडित सिंहासन होगा।