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यूपी के इस शहर में 'शारदा' के कहर से ग्रामीण भागे, दहशत इतनी कि अपने पक्के मकान तक उजाड़े

रैनी के लोगों ने जिन्हें वोट देकर लोकसभा और विधानसभा में भेजा, संकट के समय में ऐसे जनप्रतिनिधि नदारद हैं। धौरहरा तहसील के रैनी गांव का वजूद खत्म होने को है। महीना भर में शारदा नदी ने गांव के 65 घर...

यूपी के इस शहर में 'शारदा' के कहर से ग्रामीण भागे, दहशत इतनी कि अपने पक्के मकान तक उजाड़े
खमरिया-खीरी। हिन्दुस्तान संवादSat, 29 Aug 2020 07:30 PM
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रैनी के लोगों ने जिन्हें वोट देकर लोकसभा और विधानसभा में भेजा, संकट के समय में ऐसे जनप्रतिनिधि नदारद हैं। धौरहरा तहसील के रैनी गांव का वजूद खत्म होने को है। महीना भर में शारदा नदी ने गांव के 65 घर काट लिए। इस बीच जनप्रतिनिधियों को इतना भी मौका नहीं मिला। जो अपने मतदाताओं की मिजाज पुर्सी ही कर लेते। सांसद रेखा अरुण वर्मा ने फोन पर हिन्दुस्तान को बताया कि रैनी के बाबत मुख्यमंत्री और केंद्रीय जल संसाधन मंत्री से बात हुई है।

सांसद ने भरोसा दिया कि विस्थापित परिवारों के पुनर्वास और मुआवजे का बंदोबस्त किया जा रहा है। धौरहरा तहसील में शारदा नदी किनारे बसे रैनी गांव पर शारदा नदी की लहरें आफत बनकर टूटी। करीब तीन चौथाई घरों को एक के बाद एक काट लिया। लोग घरों को तोड़कर जितना पीछे हटते पीछा करती शारदा वहां तक पहुंच जाती। गांव में चंद घर बचे हैं। जिनके कटते ही रैनी का भी वजूद खत्म हो जाएगा। कटान से अब तक बचे घरों को स्थाई तौर पर बचाने के भी प्रयास नहीं हो रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है। इस बात से कटान पीड़ितों की नाराजगी और बढ़ जाती है कि महीने भर से हो रहे कटान के बावजूद भी विधायक या सांसद पीड़ितों की व्यथा जानने नहीं पहुंच सके।

बोलीं सांसद-लोगों के साथ खड़े हैं

रैनी में आई आपदा के बाबत धौरहरा की सांसद रेखा अरुण वर्मा ने  हिन्दुस्तान  को फोन पर बताया कि धौरहरा में हो रहे कटान के संदर्भ में केंद्रीय जल संसाधन विकास मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है। सांसद ने बताया कि मुख्यमंत्री कटान से चिंतित हैं। सीएम के निर्देश पर डीएम और एसडीएम लगातार राहत उपलब्ध करा रहे हैं। कटान प्रभावित विस्थापित परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास उपलब्ध कराने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। तहसील प्रशासन जमीन तलाश कर विस्थापित लोगों के नाम एलॉट करेगी। जिस पर शासकीय अनुदान से आवास बनाकर दिए जाएंगे।


  

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