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कानपुर में रोक के बाद भी 100 करोड़ की शत्रु संपत्तियों में रजिस्ट्री, जांच शुरू

शत्रु संपत्ति पर बने फ्लैट और आवासों के बैनामा पर रोक के बावजूद 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की 15 संपत्ति की रजिस्ट्री करना निबंधन कार्यालय के अफसरों को महंगा पड़ा। जांच में डीएम ने एआईजी स्टाम्प और तीन...

कानपुर में रोक के बाद भी 100 करोड़ की शत्रु संपत्तियों में रजिस्ट्री, जांच शुरू
वरिष्ठ संवाददाता,कानपुर Wed, 13 Oct 2021 10:17 AM

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शत्रु संपत्ति पर बने फ्लैट और आवासों के बैनामा पर रोक के बावजूद 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की 15 संपत्ति की रजिस्ट्री करना निबंधन कार्यालय के अफसरों को महंगा पड़ा। जांच में डीएम ने एआईजी स्टाम्प और तीन उपनिबंधकों को गलत तरीके से रजिस्ट्री करने का दोषी माना है। चारों का तबादला करके उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की संस्तुति अपर मुख्य सचिव स्टाम्प एवं पंजीयन से की है। 

पूर्व डीएम सुरेंद्र सिंह ने 11 अगस्त  2017 को शत्रु संपत्ति पर किसी भी तरह की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई थी। सभी 13 संपत्ति पर किसी भी तरह का बैनामा न करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद  उप निबंधक द्वितीय शीलभद्र चंद्रा ने नौ, प्रभारी उपनिबंधक व वर्तमान समय में कानपुर देहात में तैनात रामचंद्र ने चार और प्रभारी उपनिबंधक वंशलाल पाल ने दो रजिस्ट्री कर दी। डीएम की बिना अनुमति के तत्कालीन सहायक महानिरीक्षक  देवेंद्र सिंह ने सीधे महानिरीक्षक निबंधन से मार्गदर्शन मांगा। शत्रु संपत्ति के बैनामों पर रोक लगाने वाले पूर्व डीएम के संज्ञान में तथ्यों को नहीं लाया गया। इसलिए उनकी भी संलिप्तता है। चल रहे शत्रु संपत्ति की खरीद फरोख्त की जांच जब डीएम ने कराई तो चारों को दोषी मना है। डीएम विशाख जी ने तीन उपनिबंधक और तत्कालीन एआईजी स्टाम्प के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की संस्तुति की है।

डीएम का आदेश टोकरी में, डंके की चोट पर रजिस्ट्री 

शत्रु संपत्तियों की रजिस्ट्री को लेकर खूब खेल खेला गया। पूरी योजना बनाकर निबंधन कार्यालय के अफसरों ने खेल किया।  शत्रु संपत्ति को लेकर पूर्व डीएम ने 11 अगस्त 2017 को रोक के बावजूद तत्कालीन सहायक महानिरीक्षक ने महानिरीक्षक से मार्गदर्शन मांगा गया। डीएम आदेश और फिर मार्गदर्शन मांगने से पहले चार और मार्गदर्शन मिले बिना ही पांच रजिस्ट्रियां कर दी गई। खुलेआम पूर्व डीएम के आदेश की अवहेलना जानबूझकर की गई। 

सभी की गई 15 रजिस्ट्रियां अवैध घोषित 

एआईजी स्टाम्प अरुणेंश शर्मा ने बताया कि शत्रु संपत्ति की कोई भी रजिस्ट्री नहीं हो सकती है। उसका कस्टोडियन जिला प्रशासन ही रहेगा। इसलिए जितनी भी रजिस्ट्रियां हुई है। वह सब अवैध और शून्य है। इसलिए आने वाले समय में कोई भी 13 घोषित शत्रु संपत्ति पर खरीद-फरोख्त न करें। लगातार अरबों की शत्रु संपत्ति पर भूमाफिया नजरे गड़ाए बैठे है। 

स्वरुप नगर की बेशकीमती जमीनों की रजिस्ट्री हुई 

रोक के बावजूद शत्रु संपत्ति पर बने फ्लैट और आवासों की हुई 15 रजिस्ट्रियों में से सबसे ज्यादा नौ बेशकीमती स्वरूप नगर के अपार्टमेंट की है। बाकी हीरामन का पुरवा की है। संजीव कुमार भरतिया,  रेनू जैन, राकेश गोयनका,  मुकुल कुमार टंडन, नितिन गर्ग,  अजय कुमार अग्रवाल,  बीजू शर्मा,  मोहम्मद नईम,  रेहाना बेगम,  जावेद आलम,  अयाज उस्मानी,  आतिका खातून,  किश्वर जहां,  राजकुमार जैन और मुहम्मद शाहिद खान के नाम से शत्रु संपत्ति पर रजिस्ट्रियां हुई है। 

बोले जिम्मेदार:

विशाख जी जिलाधिकारी ने बताया कि  बेशकीमती शत्रु संपत्ति  प्रशासन की कस्टडी में है। इसमे खरीद-फरोख्त पर पूर्व डीएम ने 2017 में राेक लगाई थी। इसके बावजूद तत्कालीन तीन सब रजिस्ट्रार और एक एआईजी स्टाम्प ने 15 रजिस्ट्रियां की है। यह पूरी तरह से अवैध है। मनमाने तरीके से रजिस्ट्रियां की गई है। इसलिए सभी के खिलाफ शासन से कार्रवाई की संस्तुति की गई है। 

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