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एनकाउंटर में मारे गए राशिद कालिया के कानपुर में थे चार ठिकाने, ऐसे उठाता था सुपारी 

एनकाउंटर में STF के हाथों मारा गया शातिर राशिद कालिया बिना मोबाइल और सोशल मीडिया एकाउंट के भी अपराध के कॉनट्रेक्ट ले लेता था। उसने कानपुर में 4 जगह ठिकाने थे, जहां से वह सुपारी उठाता था।

एनकाउंटर में मारे गए राशिद कालिया के कानपुर में थे चार ठिकाने, ऐसे उठाता था सुपारी 
Ajay Singhप्रमुख संवाददाता,कानपुरMon, 20 Nov 2023 01:15 PM
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Rashid Kalia's whereabouts: यूपी के झांसी में हुए एनकाउंटर में एसटीएफ के हाथों मारा गया शातिर राशिद कालिया बिना मोबाइल और सोशल मीडिया एकाउंट के भी अपराध के कॉनट्रेक्ट ले लेता था। उसने शहर में चार जगह ठिकाने बना रखे थे, जहां से वह सुपारी उठाता था। इन ठिकानों पर ही उसे मैसेज मिलते थे और वहीं पर रकम भी मिल जाती थी।

अपराध से अर्जित रकम वह ससुराल वालों व परिजनों के बीच बांट देता था। वह फोन नहीं रखता था लेकिन कॉन्ट्रैक्टर को पता रहता था कि राशिद के लिए मैसेज कहां भेजना है। राशिद कालिया के इन ठिकानों के बारे में एसटीएफ ने पुलिस को जानकारी दी है। उनपर जांच शुरू कर दी गई है।

एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक राशिद कालिया के अपराधिक घटनाओं को करने का कोई रेट तय नहीं था। वह 10 हजार रुपये तक में हत्या करने को तैयार रहता था। राशिद घटना को अंजाम देकर दोबारा उसी ठिकाने पर पहुंच जाता था और वहां से उससे पैसे लेने के बाद अंडरग्राउंड हो जाता था।

शहर में उसने बाबूपुरवा, बजरिया, चिश्ती नगर और चमनगंज में ठिकाना बना रखा था। वहीं, एसटीएफ सूत्र बताते हैं कि सन 2004 में बाबूपुरवा क्षेत्र में एक हत्या हुई थी, उसमें पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। उसमें पुलिस को राशिद के होने की पूरी आशंका थी मगर कोई सबूत नहीं मिले।

गाड़ी लूटने के लिए की थी झांसी में हत्या
राशिद और उसके बहनोई आरिफ ने झांसी से जिस युवक का अपहरण कर हत्या की थी उसमें कारण गाड़ी लूटने का था। मोहसीन नाम के युवक ने सन 2009 में नई स्कॉर्पियो गाड़ी निकलवाई थी। उसी को इन दोनों ने लखनऊ जाने के लिए बुक किया और रास्ते में उसकी हत्या कर शव कानपुर देहात में फेंक दिया था।

कानपुर देहात की पुलिस ने अज्ञात में मामला दर्ज कर उसमें फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। इसके बाद मोहसीन के परिजनों ने दौड़ भाग कर नवाबाद थाने में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई बाद में इसकी विवेचना में हत्या का खुलासा हुआ था।

चिनहट में डकैती डाली दूसरे नाम से गया जेल
लगभग 8-9 साल पहले लखनऊ चिनहट में राशिद ने डकैती की घटना को अंजाम दिया था मगर इस मामले में वह दूसरे नाम से जेल चला गया था। बाद में पुलिस को इसकी जानकारी हुई मगर तब तक वह जमानत पर बाहर आ गया था।

हर माह 70-80 हजार रुपये कमा लेता था
आपराधिक घटनाओं से राशिद कालिया हर माह 70-80 हजार रुपये कमा लेता था। मगर खुद पर उसका पांच हजार रुपये माह का खर्चा था। बचा हुआ पैसा वह अपने ससुराल वालों और परिजनों को दे देता था। राशिद का ससुर बस चलाता है। राशिद और उसके ससुराल वाले घर बदलने में माहिर थे। हर तीन चार माह में वह कमरा बदल देते थे। ताकी पुलिस उन्हें परेशान न करे। ससुराल वालों को मालूम था कि राशिद कालिया अपराध की कमाई से अपना घर चला रहा है।

पुलिस दस्‍तावेजों से नाम हटेगा 
बसपा नेता नरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सेंगर की हत्या के मामले में पुलिस दस्तावेजों में दर्ज एक लाख के इनामी राशिद कालिया का नाम हटेगा। पुलिस उसके नाम पर फाइनल रिपोर्ट दाखिल करेगी। बाकी जो आरोपित हैं उनका मुकदमा ट्रायल पर है और वह ऐसे ही जारी रहेगा। 20 जून 2020 को चकेरी क्षेत्र में बसपा नेता पिंटू सेंगर की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। जिसमें पुलिस ने मुख्य आरोपित पप्पू स्मार्ट समेत 15 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

इस घटना में राशिद कालिया का भी नाम शामिल था मगर वह फरार था। शनिवार को झांसी में एसटीएफ और राशिद के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें उसकी मौत हो गई थी। एसीपी चकेरी अमरनाथ ने बताया कि जो मुकदमा पिंटू सेंगर हत्याकांड में दर्ज हुआ था। उसमें राशिद के नाम पर पुलिस अब फाइनल रिपोर्ट दाखिल करेगी। उसका नाम केस से हटाया जाएगी।

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