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शहर के अंदर से ही क्यों ले जाए जाएगे पत्थर, राममंदिर निर्माण का किस एजेंसी को सौंपा गया काम, जानिए ट्रस्ट का निर्णय 

राम मंदिर निर्माण के लिए तराशे गये पत्थरों की पहली खेप रामजन्मभूमि परिसर में सकुशल पहुंचाने के बाद अब शेष पत्थरों की ढुलाई सोमवार से की जाएगी। इसके बाद रामघाट स्थित कार्यशाला में रखे सभी पत्थरों को...

शहर के अंदर से ही क्यों ले जाए जाएगे पत्थर, राममंदिर निर्माण का किस एजेंसी को सौंपा गया काम, जानिए ट्रस्ट का निर्णय 
अयोध्या। हिन्दुस्तान टीमSat, 10 Oct 2020 07:27 PM
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राम मंदिर निर्माण के लिए तराशे गये पत्थरों की पहली खेप रामजन्मभूमि परिसर में सकुशल पहुंचाने के बाद अब शेष पत्थरों की ढुलाई सोमवार से की जाएगी। इसके बाद रामघाट स्थित कार्यशाला में रखे सभी पत्थरों को एक-एक कर परिसर में पहुंचा दिया जाएगा। पत्थरों की ढुलाई का कार्य शहर के आंतरिक मार्ग से ही किया जाएगा। बाईपास व परिक्रमा मार्ग समतल न होने के कारण वाहनों से पत्थरों के खिसकने तदुपरांत दुर्घटना का भी खतरा। इसके अलावा तराशे गये पत्थरों के भी क्षतिग्रस्त होने की आशंका है।

गोरखपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग 27 पर रात-दिन भारी यातायात संचालित होता रहता है। इसके अतिरिक्त परिक्रमा मार्ग पर न्यूनतम यातायात होने के बाद भी सड़क कहीं-कहीं संकरी होने के साथ पटरियों के किनारे गहरे गड्ढे हैं। इसके चलते इस मार्ग को अनुपयुक्त मानकर खारिज कर दिया गया। यही कारण रहा कि शुक्रवार को शहर के अंदर से पत्थर लदे वाहनों को ले जाने का प्रयोग किया गया। इस मार्ग पर रामसेवकपुरम से पहले श्यामा सदन के सामने सड़क थोड़ी गडबड़ मिली। इसके अलावा रामजन्मभूमि तक का सम्पर्क पूरी तरह से दुरुस्त मिला।

रामजन्मभूमि के नोडल व गृह विभाग के अधिकारी एके सिंह का कहना है कि एलएण्डटी देश की सबसे प्रतिष्ठित निजी निर्माण एजेंसी है। फिर भी उसके पास पत्थरों का पर्याप्त अनुभव नहीं है। इसके कारण पत्थरों का कार्य अनुभवी संस्था को देने का निर्णय ट्रस्ट की ओर से किया गया था। इसी सिलसिले में सोमपुरा एजेंसी को कार्य सौंपा गया है। इसके पहले विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व मुखिया व मंदिर आंदोलन के नायक अशोक सिंहल ने सोमपुरा एजेंसी के साथ मंदिर निर्माण के इकरारनामे पर वर्ष 1991 में ही संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किया था। स्वर्गीय सिंहल के इसी वायदे को भी ट्रस्ट ने पूरा करने के लिए भी सोमपुरा एजेंसी को काम सौंप दिया है।

पहली व दूसरी मंजिल के स्तम्भ व भूतल का ढांचा तैयार : अन्नू भाई
अयोध्या। रामजन्मभूमि की रामघाट स्थित कार्यशाला के प्रभारी अन्नू भाई सोमपुरा का कहना है कि वर्ष 1990 में शुरू हुई इस कार्यशाला में राम मंदिर के प्रस्तावित मॉडल के अनुसार पहली व दूसरी मंजिल के 106-106 यानि कुल 212 स्तम्भ बनकर तैयार हैं। इसके अलावा भूतल का पूरा ढांचा भी तैयार किया जा चुका है। उन्होंने जानकारी दी कि पूर्व प्रस्तावित मॉडल की लंबाई-चौड़ाई और ऊंचाई तीनों बढ़ा दी गयी है। साथ ही दो मंडप और तीसरा तल भी बढ़ाया गया है। ऐसे में अतिरिक्त पत्थरों की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने बताया कि यह पत्थर बंशीपहाड़, राजस्थान से आएंगे। बताया गया कि रामजन्मभूमि के रामकथा कुंज, रामसेवकपुरम व रामघाट में करीब एक लाख घनफुट पत्थर पड़े हैं जिनकी अभी कटिंग नहीं हुई लेकिन यह पत्थर ठीक नहीं हैं। 
 

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