अगले 25 सालों में देश की 70 फीसदी जमीन पर होगा व्यापारियों का कब्जा, राकेश टिकैत ने किसानों को दी चेतावनी
राकेश टिकैत बिसौली में रामलीला ग्राउंड में आयोजित किसान महापंचायत पहुंचे। जहां उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि अगर किसान अभी नहीं जागा तो आने वाले 25 सालों में 70% जमीन व्यापारियों के कब्जे में होगी।

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर किसान अभी नहीं जागा तो आने वाले 25 सालों में देश की 70 फीसदी जमीन व्यापारियों के कब्जे में होंगी। संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाना है तो ट्रैक्टर कमेटी बनाओ तभी किसान अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ पायेंगे। बिहार सरकार ने राज्य में किसानों के हित में मंडियां स्थापित नहीं की तो भाकियू बिहार में 10 दिसंबर से बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी। इससे पहले बदायूं के नगर पंचायत मुड़िया धुरेकी में राकेश टिकैत का स्थानीय पदाधिकारियों ने स्वागत किया।राकेश टिकैत बिसौली में रामलीला ग्राउंड में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। सोमवार दोपहर बिसौली पहुंचे टिकैत ने जिले में संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने जोर देते हुए कहा कि दिल्ली आप पूरी लड़ाई ट्रैक्टर से ही जीती। चार लाख ट्रैक्टरों पर बैठकर किसान धरणास्थल पर पहुंचे थे। आरएसएस की तरह ही आज जरूरत है एक मजबूत ट्रैक्टर कमेटी बनाने की। यदि घर में कई सदस्य हैं, तो एक प्रमुख बन जाए और सभी सदस्य।
किसान सम्मान निधि पर कसा तंज
किसानों को मिलने वाली सम्मान निधि पर तंज कसते हुए कहा कि तेलंगाना में किसान को प्रति एकड़ 10 हजार रुपए मिलते हैं और उत्तर प्रदेश में छह हजार रुपए। किसानों को मिलने वाली सम्मान निधि कम है लेकिन सरकार इसका प्रचार बहुत करती है।
बिहार में 10 दिसंबर से आंदोलन
टिकैत ने ऐलान किया कि बिहार में मंडी खुलवाने के लिए दिसंबर से आंदोलन किया जाएगा। वहां पर किसान की फसल औने-पौने दामों में खरीदी जाती है। भाकियू ने कश्मीर में फल उत्पादक किसानों के हित में आंदोलन किया। सरकार की मंशा है किसान की जमीन पर उद्योगपतियों का कब्जा कराने की। ट्रैक्टर को 10 साल में बदलने का आदेश देकर सरकार ने किसान विरोधी नीति को उजागर कर दिया है।
नारंगी और सनातनी दो प्रकार के हिंदू : टिकैत
राकेश टिकैत ने पत्रकार वार्ता में हिंदुओं के दो प्रकार बताते हुए कहा कि नारंगी और सनातनी दो प्रकार के हिंदू होते हैं। पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा, आप कौन से हिंदू हो, सनातनी या नारंगी। जब पत्रकार ने नारंगी पगड़ी की ओर आंखों से इशारा किया तो टिकैत ने कहा, सरकार किसानों की जमीन औने-पौने दामों में अधिग्रहण कर रही है। जमीनों का बाजार मूल्य अधिक है जबकि गंगा एक्सप्रेस वे के लिए अधिग्रहित की गई भूमि के सर्किल रेट कम हैं। सरकार लगातार किसानों का शोषण कर रही है। सरकार अपने जाल में फंस चुकी है, इसलिए जमीन अधिग्रहण के मुद्दे और सर्किल रेट बढ़ाने के मुद्दे को अब उठाया जा रहा है। सरकार घोषणा पत्र में बिजली बिल माफ करने की बात करती है लेकिन दूसरी ओर किसानों के ट्यूवबेल पर मीटर लगाती है। किसान की आय दोगुनी करने का सपना दिखाने वाली सरकार फसल की बोआई के समय बीज और खाद उपलब्ध नहीं करवाती है, तब उत्पादन कैसे बढ़ेगा और आय दोगुनी कैसे होगी।
