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गोरखपुर: गीडा की फैक्ट्री में घुसा पानी, एक लाख मीटर कपड़ा खराब

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के उद्यमियों झमाझम बारिश से काफी नुकसान पहुंचा है। कपड़ा फैक्ट्रियों और बिस्कुट फैक्ट्री में सर्वाधिक नुकसान हुआ है। एक फैक्ट्री में एक लाख मीटर कपड़ा पानी में...

गोरखपुर: गीडा की फैक्ट्री में घुसा पानी, एक लाख मीटर कपड़ा खराब
वरिष्‍ठ संवाददाता ,गोरखपुर Fri, 17 Sep 2021 02:29 PM

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गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के उद्यमियों झमाझम बारिश से काफी नुकसान पहुंचा है। कपड़ा फैक्ट्रियों और बिस्कुट फैक्ट्री में सर्वाधिक नुकसान हुआ है। एक फैक्ट्री में एक लाख मीटर कपड़ा पानी में भींगकर खराब हो गया है। उद्यमियों ने इसे लेकर गीडा प्रशासन पर आरोप लगाया है। उधर गीडा सीईओ का कहना है कि नाला निर्माण से दिक्कत हुई तो यह पहले भी होना चाहिए था।

 

गीडा के सेक्टर 13 की कई फैक्ट्रियों में पानी भर गया है। यहां कपड़े के दोनों प्रासेस हाउस अंबे प्रासेसर्स प्राइवेट लिमिटेड एवं बथवाल उद्योग प्राइवेट लिमिटेड में पानी घुस गया। इससे दोनों प्रासेस हाउस को गुरुवार को बंद करना पड़ा। अंबे प्रासेस हाउस के प्रबंधक ने बताया कि पानी में भीगने से करीब एक लाख मीटर कपड़ा खराब हो गया है। इसके साथ ही वेल इंडिया, मोदी केमिकल्स एवं विनायक उद्योग सहित कई अन्य फैक्ट्रियों में भी पानी घुस जाने से काम बंद रहा। फैक्ट्रियों के मोटर, बिजली के सामान एवं कच्चे व तैयार माल खराब हो गए हैं। उद्यमी अशोक शाव का कहना है कि जबसे उन्होंने फैक्ट्री लगाई है, तब से सामने के नाले को मुख्य नाले से नहीं जोड़ा गया। इस साल तो पानी के साथ मछलियां भी फैक्ट्री के भीतर आ गई हैं। जेठू जी एग्रो के प्रबंधक ने बताया कि नाली बंद होने से पहली बार बारिश का पानी फैक्ट्री परिसर में घुस गया है।

 

समाधान नहीं निकाल रहा गीडा प्रशासन : गीडा के उद्यमियों का आरोप है कि गीडा प्रशासन उद्यमियों की समस्या का स्थाई समाधान नहीं निकाल रहा है। उद्यमी आशीष खेतान ने बताया कि उनकी फैक्ट्री के सामने पिछले 12 साल से सड़क व नाली में पानी भर जाता है। हर साल लाखों रुपये का माल बर्बाद होता है। वहीं उद्यमी राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि उद्यमी भी बाढ़ पीड़ित हो गए हैं। सरकार को हमें भी राहत सामग्री देना चाहिए।

 

मंडलायुक्त से मिले उद्यमी, बताई समस्या

चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विष्णु प्रसाद अजितसरिया के नेतृत्व में उद्यमियों का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार की शाम को मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी से मिला। चैंबर के महासचिव प्रवीण मोदी ने बताया कि मंडलायुक्त को बताया गया कि बरसात के समय नाली का निर्माण कराने का औचित्य समझ से परे है। गीडा में खड़े होने वाले टैंकरों से होने वाली परेशानी के बारे में भी मंडलायुक्त को अवगत कराया गया। उद्यमियों ने बिजली की ट्रिपिंग से होने वाली समस्या को भी उठाया।

बोले जिम्मेदार

सेक्टर 13 में पहली बार फैक्ट्रियों में बारिश का पानी घुसा है। अधिकारियों से शिकायत पर सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। मरम्मत के नाम पर हर साल लाखों खर्च किया जाता है। नये नाली के निर्माण को लेकर पुरानी नालियों को बंद करने से स्थितियां बिगड़ी हैं।

दीपक कारीवाल, अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती

 

गीडा के सेक्टर 13 की कई फैक्ट्रियों में जल जमाव गीडा प्रशासन की अनदेखी का परिणाम है। मना करने के बाद भी नाला निर्माण जारी रखा गया। बारिश में नाला निर्माण का औचित्य नहीं है। सरकार के रुपये की बर्बादी हो रही है। नालियों का बहाव नहीं रोका गया होता तो इतनी दिक्कत नहीं होती। उद्यमियों के लाखों के नुकसान की भरपाई कौन करेगा?

प्रवीण मोदी, महासचिव, चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज

 

अचानक अत्यधिक बारिश से सड़क और कुछ फैक्ट्रियों में पानी चला गया। जिसके बाद सुबह से ही पंप और गैंग को लगाकर पानी निकासी की व्यवस्था की गई। काफी पानी निकल भी गया है। नाला निर्माण को लेकर कोई दिक्कत हुई है तो यह पहले भी होनी चाहिए। नाला निर्माण तो काफी पहले से चल रहे थे।

पवन अग्रवाल, सीईओ, गीडा

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