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गोरखपुर: झूम के बरसे बादल, धान की फसल को फायदा, किसानों के खिले चेहरे 

तेज बारिश से जहां आम लोगों को तेज गर्मी से राहत मिली, वहीं धान की खेती करने वाले किसानों के लिए यह बारिश अमृत से कम नहीं रही। डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच राहत बन बरसी बारिश से किसानों के चेहरे खिल...

गोरखपुर: झूम के बरसे बादल, धान की फसल को फायदा, किसानों के खिले चेहरे 
मुख्‍य संंवाददाता ,गोरखपुर Tue, 15 Sep 2020 09:20 PM
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तेज बारिश से जहां आम लोगों को तेज गर्मी से राहत मिली, वहीं धान की खेती करने वाले किसानों के लिए यह बारिश अमृत से कम नहीं रही। डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच राहत बन बरसी बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैैं। किसानों की यह खुशी स्वाभाविक भी है क्योंकि धान की फसल फ्लोरिंग स्टेज में है। ऐसे में बारिश होने से न केवल फसल को फायदा हुआ बल्कि बारिश के अभाव में सिंचाई करनी पड़ती तो प्रति एकड़ 1500 से 2000 रुपये सिंचाई के मद में खर्च हो जाते।

जिले में 01.49 लाख हेक्टेयर में धान की खेती फसल किसानों ने उगा रखी है। बाढ़ और बरिश के जलभराव के कारण किसानों को काफी क्षति उठानी पड़ी और तकरीबन 11 हजार हेक्टेयर में धान की फसल बर्बाद हो चुकी है। शेष बची फसल से किसानों को काफी उम्मीदें हैं। ऐसे में अब जब धान की फसल फ्लोरिंग स्टेज में है, बारिश के अभाव में किसान तमाम क्षेत्रों में खेतों में सिंचाई करने में जुटे थे। एक एकड़ फसल की सिंचाई में 7 से 10 घंटे तक का वक्त लग रहा था। 250 रुपये प्रति घंटा की सिंचाई और मजदूरी का खर्च किसानों के उत्पादन शुल्क को बढ़ा रहा था। ऐसे में रविवार की सुबह 10.30 बजे से कुछ स्थानों पर हुई जोरदार बारिश ने किसानों के चेहरे पर खुशियां लौटा दी। जिले के झुमिला बाजार, पीपीजंग, जंगल कौड़ियां, अहिरौली बाजार, खोराबार, सरहरी, गीडा, सहजनवा समेत कुछ अन्य क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई। 

और यहां किसानों को बारिश का इंतजार
बड़हलजंग, कैम्पियरगंज, चौरीचौरा, सरदारनगर, ब्रह्मपुर, गगहा और खजनी क्षेत्र में बारिश नहीं हुई। यहां किसान डीजल सेट चला कर खेतों में पानी चला रहे हैं। चौरीचौरा के किसान रविंद्र पाण्डेय, सरदारनगर के रामसूरत मौर्या, बड़हलगंज के रमेश श्रीनेत्र कहते हैं कि बारिश के अभाव में 250 रुपये प्रति घंटा पर डीजल सेट से खेत की सिंचाई करनी पड़ रही है। 

‘‘धान की फसल में अगर पत्ता लपेट यानी लीफ फोल्डर जैसी बीमारी का यदि कोई प्रकोप है तो वह बारिश से दूर हो जाएगा। दूसरे बारिश से किसानों सिंचाई के मद में करने वाला लाभ भी बचा है। जिले के खेतों में धान की फसल फ्लोरिंग स्टेज पर है। लगभग 12 से 14 दिनों में किसानों के खेतों में धान के पौधों की मिल्की स्टेज शुरू हो जाएगी। इस समय में बारिश उत्पादन बढ़ाने वाली है।’’
अरविंद कुमार चौधरी, जिला कृषि अधिकारी गोरखपुर

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