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Pulwama Terror Attack: शहीद श्याम बाबू के परिजनों से मिलकर रो पड़े UP कैबिटनेट मंत्री महाना

पुलवामा हमले में शहीद हुए डेरापुर के रैगवां गांव निवासी श्याम बाबू का गांव गम और गुस्से में डूबा हुआ है। एक ओर जहां मां और पत्नी के कृंदन से कोहराम मचा हुआ है वहीं दूसरी ओर गांव के युवाओं में...

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निज संवाददाता,कानपुर देहातFri, 15 Feb 2019 03:24 PM
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पुलवामा हमले में शहीद हुए डेरापुर के रैगवां गांव निवासी श्याम बाबू का गांव गम और गुस्से में डूबा हुआ है। एक ओर जहां मां और पत्नी के कृंदन से कोहराम मचा हुआ है वहीं दूसरी ओर गांव के युवाओं में पाकिस्तान के खिलाफ नफरत और बदला लेने की आग सुलग रही है। इसी बीच दोपहर करीब दो बजे प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना परिजनों के पास पहुंचे। मां और पत्नी का क्रंदन देख उनकी भी आंखें छलक पड़ीं। उन्होंने सरकार और देश के शहीद के परिवार के साथ होने की बात कही। 

कैबिनेट मंत्री ने शहीद के घर पहुंचकर बिलख रही माता के दोनों हाथ थामें तोे खुद वे भी रो पड़े। जमीन पर बैठकर उन्होंने शहीद की पत्नी रूबी को ढांढस बंधाने की कोशिश की, वहीं पिता के कंधों पर हाथ रखकर हमेशा उनका साथ देने का भरोसा दिया। महाना ने कहा कि श्याम बाबू की शहादत बेकार नहीं जाएगी। उसका पूरा बदला लिया जाएगा। केन्द्र और प्रदेश सरकार के साथ देश के लोग शहीद के परिवार के साथ खड़े हैं। 

डेरापुर के रैंगवा गांव के एक गरीब परिवार से निकला युवक श्याम बाबू वर्ष 2005 में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। उसके पिता राम प्रसाद के दो पुत्रों में वह बड़ा था। उसके परिवार में मां कैलाशी के अलावा छोटा भाई कमलेश उर्फ छोटे और दो बहनें रेखा और ममता हैं। बहनों की शादी पहले ही हो चुकी है, जबकि कमलेश की शादी बीते वर्ष हुई और वह अहमदाबाद में निजी कंपनी मे मजदूरी करता है।

श्याम बाबू की शादी 2012 में थाना अकबरपुर के जरैला गांव की रूबी के साथ हुई थी। श्याम बाबू के दो बच्चे हैं, जिनमें लकी 4 वर्ष और बेटी आरुषी छह महीने की है। श्याम बाबू हाल ही में डेढ़ महीने की छुट्टी पर गांव आया था और 10 फरवरी को ही वह छुट्टी पूरी करके लौटा था। अचानक गुरुवार को आतंकी हमले में उसके शहीद होने की खबर आई तो समूचा गांव स्तब्ध रह गया। परिवार में जहां करुण कृंदन मच गया वहीं गांव के लोग पाकिस्तान को खत्म कर देने तक की मांग करने लगे। श्याम बाबू का पार्थिव शरीर शनिवार को पुलवामा से दिल्ली, लखनऊ होते हुए उसके गांव पहुंचने की उम्मीद है। शहीद के घर मानों पूरा गांव उमड़ पड़ा हो। डीएम राकेश कुमार सिंह और एसपी राधेश्याम भी गांव में अंतिम संस्कार स्थल का इंतजाम करवाते नजर आए।

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