इटावा में इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय को लेकर विरोध
प्रदेश में संचालित इस्लामिया विद्यालयों के नाम बदले जाने के बवाल के बीच जसवंतनगर में भी ऐसे विद्यालय की जानकारी पर खलबली मच गई। हालांकि अन्य जिलों की तरह यहां न तो शुक्रवार को छुट्टी होती है और न ही...
प्रदेश में संचालित इस्लामिया विद्यालयों के नाम बदले जाने के बवाल के बीच जसवंतनगर में भी ऐसे विद्यालय की जानकारी पर खलबली मच गई। हालांकि अन्य जिलों की तरह यहां न तो शुक्रवार को छुट्टी होती है और न ही रविवार को पढ़ाई।
जसवंतनगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय का नाम सपा सरकार के समय इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय किया गया था। शिक्षकों का तर्क था कि अल्पसंख्यक छात्रों की अधिक संख्या को देखते हुए सरकार ने यह फैसला किया था। सरकार बदलते ही क्षेत्रीय भाजपा नेताओं को यह नाम अखरने लगा। उन्होंने विद्यालय का नाम बदलवाने का दबाव बनाया। इसके बाद विद्यालय के नाम से इस्लामिया हटवा दिया गया, लेकिन कुछ दिन पहले फिर इस्लामिया लिखा जाने लगा। इसपर क्षेत्रीय नेताओं ने गहरी नाराजगी जताई। भाजपा नगर मंडल उपाध्यक्ष सुरेश गुप्ता का आरोप है कि जब सरकार की तरफ से कभी मदरसे की तरह पढ़ाने का कोई आदेश नहीं रहा तो फिर ये मनमानी क्यों। उनका कहना है कि इस्लामियां लिख देने से भ्रम पैदा होता है, इससे दूसरे समुदाय के लोग अपने बच्चों को विद्यालय में पढ़ने नहीं भेजते हैं।
क्या बोले अधिकारी
जसवंतनगर कस्बे में बेसिक शिक्षा परिषद का जो प्राथमिक विद्यालय संचालित है उसका नाम इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय रखने का मामला संज्ञान में आया है। पूर्व में भी विद्यालय का नाम अन्य विद्यालयों की तरह ही प्राथमिक विद्यालय ही लिखाने का आदेश दिया गया था, लेकिन शिक्षकों ने ऐसा नहीं किया। जल्द ही इसका नाम बदलकर दोषियों पर कार्रवाई होगी।
अवनीश कुमार, एबीएसए, जसवंतनगर