Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Priyanka Gandhi walked on ridge of fields immersed in water and reacehed victims house in sonbhadra massacre

सोनभद्र : पानी में डूबे खेतों की मेड़ से चलकर झोपड़ी तक पहुंचीं प्रियंका गांधी, देखिये VIDEO

  सोनभद्र के उभ्भा गांव में 17 जुलाई को हुई गोलीबारी के पीड़ितों से मिलने सीएम योगी समेत तमाम नेता पहुंच चुके हैं। लेकिन मंगलवार को जहां तक प्रियंका गांधी पहुंच गईं वहां तक कोई नहीं...

सोनभद्र : पानी में डूबे खेतों की मेड़ से चलकर झोपड़ी तक पहुंचीं प्रियंका गांधी, देखिये VIDEO
उभ्भा गांव (सोनभद्र) योगेश यादव Tue, 13 Aug 2019 04:53 PM
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सोनभद्र के उभ्भा गांव में 17 जुलाई को हुई गोलीबारी के पीड़ितों से मिलने सीएम योगी समेत तमाम नेता पहुंच चुके हैं। लेकिन मंगलवार को जहां तक प्रियंका गांधी पहुंच गईं वहां तक कोई नहीं पहुंच सका था। प्रियंका ने पहले प्राइमरी स्कूल में जुटाए गए पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की। करीब एक घण्टे तक उमस भरी गर्मी में बिना पंखे ही जमीन पर बैठ कर एक-एक पीड़ित से बातचीत करती रहीं। बातचीत के दौरान की लालदेई ने बताया कि उसके पति रामलक्षन गोलीबारी में घायल होने के बाद आज भी झोपड़ी में पड़े हैं। इस पर प्रियंका ने तत्काल लालदेई को अपने साथ लिया और उसके कंधे पर हाथ रख पैदल ही उसकी झोपड़ी की तरफ चल दीं। प्रियंका को इस तरह खेतों की ओर जाते देख एसपीजी समेत तमाम नेता कुछ नहीं समझ सके। किसी ने पास जाकर पूछा तो प्रियंका के खेतों की ओर जाने का कारण पता चला। 

 गांव के ही एक व्यक्ति ने बताया कि लालदेई ढाई से तीन किलोमीटर दूर ठीक घटनास्थल के बगल में रहती हैं। उसकी झोपड़ी खेतों के बीच है और खेतों में पानी भरा है। ऐसे में वहां तक जाना ठीक नहीं होगा। इसके बाद भी प्रियंका ने जाने की ठान ली तो वापस मुड़ने को तैयार नहीं हुईं। कहा कि जहां तक गाड़ी जा सकती है, उससे चलेंगे फिर पैदल चलेंगे। प्रियंका का मिजाज देख एसपीजी भी ज्यादा कुछ बोल नहीं सकी। उस समय जो गाड़ी लालदेई के खेत की तरफ खड़ी थी उसी में जाकर सवार हो गईं और चलने को बोल दिया। स्थिति यह हो गई कि प्रियंका रवाना हो गईं और उनके साथ सिर्फ यातायात पुलिस की गाड़ी थी। हड़बड़ी में स्काट में शामिल अन्य गाड़ियों ने भी जल्दी जल्दी अपनी गाड़ियां घुमाईं और प्रियंका की गाड़ी के पीछे दौड़ा दिया। 

सबसे पहले प्रियंका ने घटनास्थल पर उस जामुन के पेड़ को देखा जहां 17 जुलाई को 10 आदिवासियों को मौत के घाट उतारा गया था। जामुन के पेड़ के पास खड़ी प्रियंका कुछ भावुक भी दिखाई दीं। यहां से लालदेई का हाथ पकड़कर प्रियंका पानी भरे खेतों के बीच से उसके घर तक पहुंचीं। लालदेई की झोपड़ी में आधे घण्टे से ज्यादा समय तक रहीं और आसपास से जुटे लोगों से बातचीत की। लालदेई का सहारा लेकर। पगडंडियों से ही होते हुए वापस लौटीं तो गोलीबारी में मर चुकी बसमतिया के घर पहुंचीं। उनके पति नंदलाल अौर परिजनों से मिलीं।

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