प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाने से रोका, पीड़ित परिवारों से जा रही थीं मिलने
Priyanka Gandhi Sonbhadra LIVE: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए जमीन विवाद को लेकर नरसंहार के बाद प्रियंका गांधी शुक्रवार को पीडि़तों का हाल जानने वाराणसी पहुंचीं। इसके बाद सोनभद्र जाने के दौरान...
Priyanka Gandhi Sonbhadra LIVE: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए जमीन विवाद को लेकर नरसंहार के बाद प्रियंका गांधी शुक्रवार को पीडि़तों का हाल जानने वाराणसी पहुंचीं। इसके बाद सोनभद्र जाने के दौरान उन्हें वाराणसी-मिर्ज़ापुर बार्डर पर नारायणपुर में रोक दिया गया। विरोध में कांग्रेस महासचिव सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं। इसके बाद प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया गया और एसडीएम की गाड़ी में बैठाया गया। इसके बाद पुलिस प्रियंका गांधी को चुनार गेस्ट हाउस ले गई।
इससे पहले बीएचयू के ट्रामा सेंटर में सोनभद्र में हुए नरसंहार के घायलों का हाल जानने शुक्रवार की सुबह 11:05 पर प्रियंका गांधी ट्रामा सेंटर पहुंची थीं। पुलिस प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। ट्रामा सेंटर के बैक एंट्री गेट से प्रियंका गांधी को हॉस्पिटल में प्रवेश कराया गया। इस दौरान मीडिया को उनसे दूर रखा गया। काफी प्रयास के बाद भी मीडिया बात नहीं कर सकी। प्रियंका गांधी ने चश्मदीद गवाह रामकुमार से घटना की जानकारी ली तथा घायलों का कुशलक्षेम पूछा। घायलों के चोट को भी देखा तथा हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
- पुलिस ने प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लेने के बाद प्रियंका गांधी को चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया। हालांकि चुनार गेस्ट हाउस में प्रियंका गांधी फिर धरने पर बैठ गईं और कहा कि जब तक उन्हें पीड़ित परिवारों से नहीं मिलने दिया जाता है तब तक वह वापस नहीं जाएंगी.
-17 जुलाई को सोनभद्र के उभ्भा गांव में 112 बीघा खेत के लिए दस ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया गया था। लगभग चार करोड़ रुपए की कीमत की इस जमीन के लिए प्रधान और उसके पक्ष ने ग्रामीणों पर अंधाधुन फायरिंग कर दी थी। इस हादसे में 25 अन्य लोग घायल हो गए थे।
पहले से ही तैयार होकर आए थे हमलावर
उम्भा गांव में 112 बीघा खेत जोतने के लिए गांव का प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर 32 ट्रैक्टर लेकर पहुंचा था। इन ट्रैक्टरों पर लगभग 60 से 70 लोग सवार थे। यह लोग अपने साथ लाठी-डंडा, भाला-बल्लम और राइफल और बंदूक लेकर आए थे। गांव में पहुंचते ही इन लोगों ने ट्रैक्टरों से खेत जोतना शुरू कर दिया। जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो यज्ञदत्त और उनके लोगों ने ग्रामीणों पर लाठी-डंडा, भाला-बल्लम के साथ ही राइफल और बंदूक से भी गोलियां चलानी शुरू कर दी।
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