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ठगी करने वाले बंटी बबली की पुलिस को तलाश, ठगी की रकम जानकर चौंक जाएंगे

गाजियाबाद के पूर्व एडीएम कांता प्रसाद के खाते से तीन करोड़ रुपये निकालने वाले शातिर बंटी और बबली की यूपी पुलिस को तलाश है। इस ठग जोड़े ने मेरठ के फर्जी पते पर बैंक खाता खोला और आठ चेकों का क्लोन...

ठगी करने वाले बंटी बबली की पुलिस को तलाश, ठगी की रकम जानकर चौंक जाएंगे
सचिन गुप्ता,मेरठThu, 18 Jan 2018 02:40 PM
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गाजियाबाद के पूर्व एडीएम कांता प्रसाद के खाते से तीन करोड़ रुपये निकालने वाले शातिर बंटी और बबली की यूपी पुलिस को तलाश है। इस ठग जोड़े ने मेरठ के फर्जी पते पर बैंक खाता खोला और आठ चेकों का क्लोन बनाकर जमीन अधिग्रहण के लिए आया मुआवजा हड़प लिया। मामले की जांच कर रही मेरठ की ईओडब्ल्यू ने ठग जोड़े के फोटो वायरल कर दिए हैं। इनका सुराग मिलने पर सूचित करने के लिए कहा है।

यह था मामला
मार्च-2016 में गाजियाबाद के तत्कालीन एडीएम एलए कांता प्रसाद के पीएनबी स्थित सरकारी खाते में जमीन अधिग्रहण के मुआवजे का 20 करोड़ रुपया शासन से आया था। यह रुपया चेक के जरिये किसानों को दिया जाना था। आठ किसानों के तीन करोड़ रुपये के चेक बनकर तैयार थे। इस बीच जालसाजों ने इन चेकों का क्लोन बना लिया। नाम बदलकर चार चेक गाजियाबाद नवयुग मार्केट स्थित एसबीआई और चार चेक इलाहाबाद बैंक के खाते में लगाए गए। 16 मार्च 2016 को इन चेकों का भुगतान हो गया। एडीएम के खाते से जब रुपये कटे तो इसकी जानकारी हुई। मामले की जांच आर्थिक अपराध एवं अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) मेरठ कर रही है।

फर्म, मालिक और पता...सब कुछ फर्जी
जिन खातों में इन चेकों का भुगतान हुआ है, वे खाते नवयुग इंटरप्राइजेज, आनंद मार्केट साहनी के नाम से हैं। एक खाते के धारक मनीष कुमार और दूसरे की अंजलि हैं। दोनों ने बैंक खाते में अपना पता विश्वासनगर, साहनी मेरठ लिख रखा है, जबकि मेरठ में ऐसी कोई जगह ही नहीं है। ईओडब्ल्यू मेरठ के इंस्पेक्टर धर्मेश कुमार ने बताया कि, मनीष ने खाता खुलवाने के लिए आवेदन फार्म में पैनकार्ड और बिजली बिल की कॉपी लगाई है। पैनकार्ड में अपना पता आदर्शनगर गली-छह मोदीनगर दर्शाया है, जो फर्जी है। जो बिजली बिल है, वह पूर्णत: कूटरचित है। इसके अलावा नवयुग इंटरप्राइजेज नाम की फर्म केंद्रीय सीमा एवं उत्पाद शुल्क के गाजियाबाद कार्यालय में भी रजिस्टर्ड नहीं पाई गई है।

बैंक स्‍टाफ भी जांच के दायरे में 
तीन करोड़ के क्लोन चेक क्लीयर करने वाले बैंक भी जांच के घेरे में हैं। नियमानुसार ज्यादा धनराशि का चेक क्लीयर करने से पहले अदाकर्ता से बैंक द्वारा पूछा जाना चाहिए, मगर यहां ऐसा नहीं हुआ। ईओडब्ल्यू के जांच अफसर अब बैंक अधिकारियों से भी पूछताछ कर रहे हैं।

ठगों के व्हाट्स एप ग्रुपों में भेजे फोटो
प्रकरण की जांच कर रहे ईओडब्ल्यू मेरठ के इंस्पेक्टर धर्मेश कुमार ने बताया कि तीन करोड़ की रकम मनीष और अंजलि नाम के युवक-युवतियों द्वारा निकाली गई है। इनके फोटो यूपी पुलिस और इससे जुड़ी सभी शाखाओं के व्हाट्स एप ग्रुप में वायरल कर दिए गए हैं। लोगों से इनके बारे में सूचना देने की अपील की गई है।

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