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हर एंगल तलाश रही पुलिस, आनंद गिरि के नाम पर किसी तीसरे सख्श ने तो नहीं रची बड़ी साजिश ?

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि। ऐसा महंत जिसे मिलने के लिए मुख्यमंत्री भी मठ में जाते थे। सभी वीवीआईपी उनका आदर करते थे। जिले के कप्तान और डीएम के अलावा बड़े अफसर भी नत्मसतक रहते थे। ऐसे...

हर एंगल तलाश रही पुलिस, आनंद गिरि के नाम पर किसी तीसरे सख्श ने तो नहीं रची बड़ी साजिश ?
वरिष्ठ संवाददाता,प्रयागराज Wed, 22 Sep 2021 12:41 PM

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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि। ऐसा महंत जिसे मिलने के लिए मुख्यमंत्री भी मठ में जाते थे। सभी वीवीआईपी उनका आदर करते थे। जिले के कप्तान और डीएम के अलावा बड़े अफसर भी नत्मसतक रहते थे। ऐसे रसूखदार व्यक्ति को कौन परेशान कर सकता है। ऐसा व्यक्ति जिसने अपना परिवार, रिश्तेदारी सब कुछ पहले ही त्याग चुका है। उसे किस बात का लोभ। एक शिष्य जिसको जेल जाने से बचाने के लिए आस्ट्रेलिया तक अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया। उन्होंने अपने जीवनकाल में वह सबकुछ किया जिससे संतों की छवि धूमिल होने से बचाई जा सके। 

ऐसे व्यक्ति को कोई किस चीज से ब्लैकमेल कर सकता है। हरिद्वार कुंभ के दौरान नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच दूरियां बढ़ गई। आनंद गिरि ने खुलकर विरोध किया। दो युवा संतों की मौत पर हत्या का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की। इसके अलावा उनके करीबियों पर अवैध तरीके से करोड़ों रुपये की मदद करने का आरोप लगाया। लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी सुलह हो गया। आपसी रिश्ते में सुधार तो नहीं हुआ लेकिन आरोप प्रत्यारोप का दौर खत्म हो गया।

ऐसे में अब माहौल बदल चुका था। आनंद गिरि के बीच का विवाद भी बाहरी जगत में नजर नहीं आ रहा था। हो सकता कि अंदर ही अंदर विरोध हो लेकिन इसके साथ ही एक बड़ा सवाल यह भी है कि कहीं किसी तीसरे व्यक्ति ने तो साजिश नहीं रची। कहीं ऐसा तो नहीं कि आनंद गिरि के नाम पर ही नरेंद्र गिरि को परेशान किया जा रहा था। अगर नरेंद्र गिरि को सीधे कॉल करके धमकाया जाता या वीडियो दिखाने की किसी ने हिमाकत की होती तो वह जेल जा चुका होता। फिर ऐसा क्या हुआ और किसने साजिश रची कि वह धीरे-धीरे टूटते चले गए। सब कुछ एक दिन में नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि सुसाइड नोट में भी इस बात का उन्होंने जिक्र किया है कि पहली बार 13 सितंबर को आत्महत्या करने की कोशिश की लेकिन उस वक्त हिम्मत जवाब दे गई। इससे साफ जाहिर है कि वह पिछले काफी समय से परेशान है। कोई न कोई व्यक्ति उनको परेशान कर रहा था। यह कैसे संभव है कि हरिद्वार में बैठकर आनंद गिरि ही अकेले साजिश रची होगी। इन सवालों का जवाब अब पुलिस की जांच के बाद ही सामने आएगा।

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