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अभ्यर्थियों पर पुलिस ने जमकर बरसाईं लाठियां, गर्भवती महिला को भी पीटा

बीएड टीईटी-2011 के सफल अभ्यर्थियों पर बुधवार को पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं। पुलिस ने एक गर्भवती प्रदर्शनकारी को भी नहीं बख्शा। पुलिस की लाठी की चपेट में आते से उसकी हालत खराब हो गई। वह चार महीने की...

लखनऊ, कार्यालय संवाददाता Thu, 6 Sep 2018 05:01 PM
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बीएड टीईटी-2011 के सफल अभ्यर्थियों पर बुधवार को पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं। पुलिस ने एक गर्भवती प्रदर्शनकारी को भी नहीं बख्शा। पुलिस की लाठी की चपेट में आते से उसकी हालत खराब हो गई। वह चार महीने की गर्भवती है। उसे हजरतगंज के झलकारीबाई अस्पताल में भर्ती किया गया। वहीं, पुलिस की लाठियों का शिकार हुए दर्जनभर से ज्यादा प्रदर्शनकारियों के गंभीर चोटें आई हैं।

बीएड-टीईटी 2011 बैच के संघर्ष मोर्चा के बैनर तले बुधवार को सैंकड़ों अभ्यर्थी इकोगार्डन में विरोध प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए थे। मोर्चा की ओर से मुख्यमंत्री से नियुक्ति के लिए विज्ञापन को बहाल किए जाने की मांग की। प्रदर्शन में राजधानी समेत प्रदेश के कई जिलों से बीएड-टीईटी 2011 बैच के सफल अभ्यर्थी पहुंचे थे।

शाम करीब चार बजे प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थी उग्र हो गए और इकोगार्डन से बाहर निकल कर विरोध जताने लगे। इस दौरान पुलिस के साथ झड़प हुई। जहां, पुलिस ने लाठी चार्ज कर दी। गर्भवती महिला अभ्यर्थी मुक्ता कुशवाहा उसकी चपेट में आ गई। जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई।

सात साल से कर रहे गुमराह
संघर्ष मोर्चा के मानबहादुर सिंह का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय के 25 जुलाई 2017 के अन्तिम आदेश के पैरा 17 में स्पष्ट रूप से उल्लिखित किया गया है कि समस्त अन्तरिम आदेशों का पालन करते हुए नये विज्ञापन को बहाल किया जाए। अन्तरिम आदेश के अंतर्गत 12091 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने के आदेश का पालन नहीं हुआ है। 24 फरवरी 2016 के अन्तरिम आदेश के अनुपालन में अभी तक याचियों को नियुक्ति नहीं दी गई है। संगठन ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन के साथ 7 दिसम्बर 2012 के विज्ञापन को बहाल करते हुए रुकी हुई काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करके नियुक्ति प्रदान किए जाने की मांग उठाई है। अभ्यर्थियों ने बताया कि लगातार सात साल से सरकारों ने गुमराह किया है। बीते दिनों हुई वार्ता के बावजूद अभी तक हाई पावर कमेटी ने अभ्यर्थी की नियुक्ति पर कोई पहल नही की।

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