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यूपी की माफिया लिस्ट में पुलिस ने जोड़ा एक और नाम, गोरखपुर का अजीत शाही बना डॉन नंबर 62

पुलिस की निगाह में चढ़ा माफिया अजीत शाही अब न सिर्फ टॉप-10 की सूची में शामिल हो गया है बल्कि प्रदेश के माफिया वाली लिस्ट में भी उसका नाम डाला जा रहा है। ताकि प्रदेशस्तर से भी उस पर नजर रखी जा सके।

यूपी की माफिया लिस्ट में पुलिस ने जोड़ा एक और नाम, गोरखपुर का अजीत शाही बना डॉन नंबर 62
Ajay Singhवरिष्ठ संवाददाता,गोरखपुरWed, 31 May 2023 07:54 AM
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UP Mafia' s List: गोरखपुर का माफिया अजीत शाही अब प्रदेश वाली माफिया की सूची में शामिल होगा। वहीं पहले से इस सूची में शामिल पूर्व विधायक राजन तिवारी, विनोद उपाध्याय, सुधीर सिंह तथा राकेश यादव पर कार्रवाई के साथ ही निगरानी के लिए एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह अधिकारी न सिर्फ उनके मुकदमों की पैरवी पर निगरानी रखेंगे बल्कि माफिया और उसके गिरोह को मिट्टी में मिलाने के लिए उनकी गतिविधियों पर नजर भी रखेंगे। इसी क्रम में मंगलवार को एसपी नार्थ मनोज कुमार अवस्थी ने माफिया राकेश के घर पहुंच कर उसकी गतिविधियों के बारे में जानकारी ली।

गोरखपुर के पांच माफिया (अजीत शाही, राजन तिवारी, विनोद उपाध्याय, सुधीर सिंह, राकेश यादव) पुलिस के निशाने पर हैं। इसमें अजीत शाही को छोड़कर बाकी चार प्रदेश भर के 61 माफियाओं की सूची में भी शामिल हैं। अजीत शाही ने सात साल तक पुलिस के आंख में धुल झोंकते हुए खुद को इस सूची से न सिर्फ दूर रखने में कामयाब हुआ था बल्कि टॉप टेन की लिस्ट से भी उसने अपना नाम बाहर निकलवा लिया था। रेलवे को-ऑपरेटिव बैंक में घुसकर धमकी के मामले में पुलिस की निगाह में चढ़ा माफिया अजीत शाही अब न सिर्फ टॉप-10 की सूची में शामिल हो गया है बल्कि प्रदेश के माफिया वाली लिस्ट में भी उसका नाम डाला जा रहा है। ताकि प्रदेशस्तर से भी उस पर नजर रखी जा सके। इसके अलावा इन सभी माफियाओं उनके गुर्गों पर नजर रखने और सजा दिलाने के लिए एक-एक अधिकारी नियुक्त किया गया है। वर्तमान में माफिया अजित व सुधीर जेल में है। राजन तिवारी और राकेश यादव जमानत पर बाहर है जबकि विनोद फरार है।

इस तरह से शिकंजा कसेंगे नोडल अधिकारी एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया की नोडल अधिकारी इन सभी अपराधियों की कुंडली तैयार करेंगे। अपराधी की वर्तमान आय का स्रोत,उनके लिए काम करने वाले गुर्गे की पहचान? चल-अचल संपत्ति का ब्योरा तथा उनके द्वारा पोषित अपराधियों की सूची तैयार कर उनपर कार्यवाही करेंगे, गैंगेस्टर के तहत उनकी सम्पत्ति कुर्क कराना और माफियाओं के मुकदमा में प्रभावी पैरवी कर उन्हें सजा दिलाने की जिम्मेदारी भी इनकी होगी। अपराधियों के गैर न्यायिक सभी व्यवसाय बंद किए जाएंगे और न्यायिक व्यवसाय की जांच कि जाएगी यदि उनमें अपराधिक तरीको से अर्जित संपत्ति का निवेश है तो उन्हें भी बंद कराएंगे।

माफिया राकेश के घर पहुचे एसपी नार्थ
एससपी ने बताया की सभी माफियाओं के गुर्गों की सूची भी तैयार की जाएगी। उसके बाद उन पर भी गैंगस्टर और हिस्ट्रीशीटर के तहत कार्यवाही की जाएगी। गुर्गों की सूक्ष्म से सूक्ष्म जानकारी जुटाई जाएगी और संपति जब्ती कराई जाएगी। माफिया राकेश के निगरानी की जिम्मेदारी मिलते ही मंगलवार को एसपी नार्थ मनोज कुमार अवस्थी अपनी टीम के साथ माफिया राकेश यादव के घर पहुंचे। उन्होंने माफिया और उनके गुर्गों के विषय में पूरी जनाकारी जुटाई।

विनोद की तलाश में दबिश जारी, पूछताछ
25 हजार के इनामी माफिया विनोद व उसके भाई संजय की गिरफ्तारी में जुटी पुलिस की उसके ठिकाने पर दबिश जारी है। माफिया के कई गुर्गों व करीबी इंजीनियर व एक अन्य को बुलाकर पुलिस ने जानकारी जुटाई है। वहीं माफिया के संतकबीरनगर व गोरखपुर कोर्ट में सरेंडर करने की आशंका पर भी पुलिस पूरे दिन मुस्तैद रही। पुलिस ने संतकबीरनगर की पुलिस से सम्पर्क भी किया है। सूत्रों के अनुसार माफिया विनोद पर रंगदारी का केस में इनाम होने के बाद कुछ और लोग जो उसके सताए हैं उन्होंने तहरीर दी है। जल्द ही विनोद पर कुछ और केस दर्ज हो सकता है।

नकेल कस माफियाओं की कमर तोड़ेगी पुलिस
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि गोरखपुर के टॉप-5 की सूची में माफिया अजीत शाही, सुधीर सिंह, विनोद उपाध्याय, राजन तिवारी और राकेश यादव को रखा गया है। कार्रवाई के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। माफिया राजन तिवारी और सुधीर सिंह के लिए एसपी साउथ अरुण कुमार सिंह, विनोद उपाध्याय और अजीत शाही के लिए एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई व एसपी क्राइम इंदु प्रभा सिंह तो वहीं राकेश यादव के लिए एसपी नॉर्थ मनोज कुमार अवस्थी व एएसपी मानुष पारिख को नोडल बनाया गया है।

अजीत शाही की रिकवरी एजेंसी होगी निरस्त
एसएसपी ने बताया की अजीत शाही की रिकवरी एजेंसी उसकी अपराधिक सत्ता के दम पर बनाई गई है। जिसे बड़े खास तरीके से उसने लीगल जामा पहनाया है। रिकवरी एजेंसी में उसने अपने सारे गुर्गों को शरण देने के साथ ही उससे आय का भी स्रोत बना रखा है। उसके दोनों यार्ड पर भी पुलिस लगाम लगाएगी। वहीं माफिया अजीत शाही के संपर्क में रहे एक जन प्रतिनिधि व कुछ पुलिसवाले जो अजीत शाही के यहां मांगलिक कर्यक्रम में गए थे, उसकी भी जांच हो रही है।