PM मोदी का किसानों से संवाद-महराजगंज के किसान ने बताया शकरकंद की खेती से कैसे बने खुशहाल
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग देश के अलग-अलग हिस्सों के किसानों के साथ संवाद किया। इस क्रम में उत्तर प्रदेश...
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग देश के अलग-अलग हिस्सों के किसानों के साथ संवाद किया। इस क्रम में उत्तर प्रदेश के महराजगंज के किसान रामगुलाब ने उन्हें बताया कि नारंगी शकरकंद की खेती से कैसे वह और उनके जैसे कई अन्य किसान परिवार आर्थिक रूप से खुशहाल हो गए हैं।
वनटांगिया गांव बरगदवा राजा के रहने वाले किसान रामगुलाब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूछा कि आप क्या करते हैं। इस रामगुलाब ने उन्हें बताया कि पहले धान-गेंहूं और सब्जी की खेती करते थे। अब नारंगी शकरकंद की खेती कर रहे हैं। इसमें आय अच्छी हैं। रामगुलाब ने बताया कि उनके परिवार में कुल 10 सदस्य हैं। तब पीएम ने पूछा कि आपने खेती के लिए कैसे व्यवस्था बनाई। इस पर रामगुलाब ने बताया कि प्रायोगिक तौर पर कम पूंजी लगाकर शकरकंद की खेती शुरू कराई।
किसानों से बाहर की कंपनी ने करार किया तो उत्साह बढ़ गया। अच्छी आय की उम्मीद बढ़ गई। किसानों ने नारंगी शकरकंद की खेती शुरू की। अब इसे और व्यापक रूप दिया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के हितों को लेकर गंभीर है। सरकार भविष्य में भी किसानों की सुविधा और विकास को लेकर कदम उठाएगी। संवाद कार्यक्रम के दौरान वहां महराजगंज के सांसद पंकज चौधरी, डीएम डॉ. उज्ज्वल कुमार, सीडीओ पवन अग्रवाल, विनोद तिवारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
महराजगंज के अलग-अलग स्थानों पर किसान नारंगी शकरकंद की खेती कर रहे हैं। रामगुलाब महराजगंज सब्जी उत्पादन संघ की देखरेख करते हैं। हाल में उनका अहमदाबाद की कंपनी ट्यूबर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ दिसंबर में करार भी हुआ है। करार के तहत संघ को हर साल 400 टन नारंगी शकरकंद का उत्पादन कर कंपनी को देना हे। फरवरी में संघ 10 टन नारंगी शकरकंद का उत्पादन करेगा। जुलाई में 200 टन और जनवरी 2022 में 200 टन का आवंटन होगा। नारंगी शकरकंद उगा रहे रामगुलाब ने पीएम मोदी को बताया कि शुरुआती दौर में कानपुर दर्रा, गौहरपुर और बेलासपुर में तीन एकड़ में नारंगी शकरकंद की खेती कराई जा रही है। प्रति एकड़ 70 से 80 क्विंटल का उत्पादन होने का अनुमान है।