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बनारस में मूर्त रूप लेने लगा पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम मूर्त रूप लेने लगा है। चुनार के गुलाबी पत्थरों से इसे सजाया जा रहा है। जयपुर में तराशे गए करीब 65 हजार क्यूबिक फीट गुलाबी पत्थर की...

बनारस में मूर्त रूप लेने लगा पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम
वाराणसी लाइव हिन्दुस्तान Tue, 27 Oct 2020 10:43 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम मूर्त रूप लेने लगा है। चुनार के गुलाबी पत्थरों से इसे सजाया जा रहा है। जयपुर में तराशे गए करीब 65 हजार क्यूबिक फीट गुलाबी पत्थर की पहली खेप पहुंचने के बाद पत्थरों का काम अब पूरा होने की ओर है। पत्थरों की दूसरी खेप भी आने लगी है। काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण कार्य भी तेज हो गया है।

धाम का गुलाबी स्वरूप अब धीरे-धीरे आकार ले रहा है। मंदिर के चौक का काम अब प्रगति की ओर है। गुलाबी पत्थरों की आभा अब दर्शनार्थियों को भी नजर आने लगी है। नक्काशीदार पत्थरों की खूबसूरती भी उभरकर सामने आ रही है। श्री काशी विश्वनाथ धाम में मिले मंदिरों के जीर्णोद्धार और संरक्षण की जिम्मेदारी बीएचयू और संस्कृति मंत्रालय को सौंपी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम की मणिमाला के मंदिरों का ऐतिहासिक दस्तावेज देश और दुनिया के सामने होंगे। श्री काशी विश्वनाथ धाम में मिले प्राचीन मंदिरों के ऐतिहासिक दस्तावेजों को तैयार करने के लिए एएसआई भोपाल की टेंपल सर्वे की तीन सदस्यीय टीम ने काम शुरू कर दिया है।

परियोजना में मिले प्राचीन मंदिरों का इतिहास, उनकी प्राचीनत, विशेषता के अलावा मंदिरों के निर्माता की जानकारियां जुटाई जा रही हैं। काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के लिए खरीदे गए तीन सौ भवनों में 60 से अधिक छोटे बड़े मंदिर मिले हैं।

श्री काशी विश्वनाथ धाम के किनारे खड़ी की गईं टिन की ऊंची दीवारों के अंदर भारी सुरक्षा के बीच कारीगर, इंजीनियर और मजदूर 5.3 लाख वर्गफुट में धाम को आकार देने में लगे हैं। परिसर को लेकर गंगा घाट तक 24 इमारतें बनाई जाएंगी। इसमें से 19 इमारतों पर काम चल रहा है। इसमें मंदिर परिसर, मंदिर चौक, जलपान केंद्र, गेस्ट हाउस, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, मुमुक्षु भवन अस्पताल का निर्माण शुरू हो चुका है। मंदिर चौक का हिस्सा सी शेप में निर्मित किया जाएगा। यहां से सीधे मां गंगा के दर्शन किए जा सकेंगे।

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