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पीएम मोदी फिर मथेंगे पूर्वांचल, 7 को गोरखपुर 13 को वाराणसी में होंगे, जानें पूरा कार्यक्रम 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 दिसंबर को गोरखपुर आएंगे और खाद कारखाने का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। प्रधानमंत्री दोपहर बाद एक बजे से ढाई बजे के बीच खाद कारखाना परिसर में रहेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री काशी...

पीएम मोदी फिर मथेंगे पूर्वांचल, 7 को गोरखपुर 13 को वाराणसी में होंगे, जानें पूरा कार्यक्रम 
हिन्‍दुस्‍तान टीम ,गोरखपुरThu, 02 Dec 2021 10:02 AM

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 दिसंबर को गोरखपुर आएंगे और खाद कारखाने का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। प्रधानमंत्री दोपहर बाद एक बजे से ढाई बजे के बीच खाद कारखाना परिसर में रहेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने 13 दिसम्बर को वाराणसी पहुंचेंगे।

वह हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के देश के सबसे बड़े खाद कारखाना, एम्स और बीआरडी मेडिकल कालेज परिसर स्थित रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) की नौ लैब का लोकार्पण भी करेंगे।

एचयूआरएल परिसर में प्रबंध निदेशक एके गुप्ता ने बुधवार को मीडिया कर्मियों से बात की और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खाद कारखाने के निर्माण में 8000 करोड़ खर्च हुए हैं।

काम पूरा हो चुका है। प्रधानमंत्री के आगमन से पूर्व ट्रायल कर नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एचयूआरएल को देश में तीन बड़े खाद कारखानों के निर्माण का काम सौंपा गया था। तकरीबन 25 हजार करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं में से गोरखपुर का प्लांट 7 दिसंबर को शुरू होने जा रहा है। दो अन्य प्लांट अगले साल अप्रैल से पहले शुरू हो जाएंगे। प्लांट में बना प्रीलिंग टावर विश्व का सबसे ज्यादा ऊंचा है। प्रीलिंग टावर से खाद के दाने नीचे आएंगे तो इनकी क्वालिटी सबसे अच्छी होगी। नीम कोटेड यूरिया से खेतों की उर्वरा शक्ति और बढ़ेगी।

266.50 रुपये में बिकेगी 45 किलो यूरिया

प्रबंध निदेशक ने कहा कि 45 किलो वजन की नीम कोटेड यूरिया बैग की कीमत 266.50 रुपये तय की गई है। इसे हर हाल में इसी दर पर बेचना होगा। एचयूआरएल प्रबंधन लगातार बिक्री की मानिटरिंग करेगा। उन्होंने बताया कि 22 जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खाद कारखाना का शिलान्यास किया था।

46 माह में पूरा हुआ खाद कारखाने का निर्माण

खाद कारखाना बनाने के लिए 38 महीने का समय मिला था। कोरोना संक्रमण की दो लहरों के कारण थोड़ी देर हुई। इसके बाद भी निर्माण कार्य 46 महीने में पूरा करा लिया गया। खाद कारखाने में करीब 13 लाख टन नीम कोटेड यूरिया का हर साल उत्पादन होगा।

लड़कियों के हाथ होगी कमान

एचयूआरएल के प्रबंध निदेशक ने बताया कि खाद कारखाने में 30 फीसदी से ज्यादा पूर्वांचल के युवाओं को नौकरी दी गई है। इनमें लड़कियों की संख्या ज्यादा है। उन्होंने कहा कि यही लड़कियां खाद कारखाना चलाएंगी। रात में भी लड़कियां काम करेंगी।

एचयूआरएल निभा रहा सामाजिक दायित्व

प्रबंध निदेशक ने बताया कि एचयूआरएल गोरखपुर के नागरिकों के साथ भी जुड़ा है। दो आक्सीजन प्लांट, सामुदायिक भवन, 24 करोड़ की लागत से बच्चों के लिए आईसीयू, 12 स्कूलों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, सोनबरसा में 13 करोड़ की लागत से माडल गांव, चिलुआताल का सुंदरीकरण कर मुंबई के मरीन ड्राइव की तरह बनाने समेत अन्य कार्य कराए जा रहे हैं।

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