BJP के मिशन यूपी के लिए इतना खास क्यों हुआ पूर्वांचल? जानिए पीएम मोदी के सिद्धार्थनगर और वाराणसी दौरे के मायने
भाजपा के मिशन यूपी के लिए पूर्वांचल कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सिर्फ पांच दिनों के अंदर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को दूसरी बार यहां दौरे पर आए हैं।...
भाजपा के मिशन यूपी के लिए पूर्वांचल कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सिर्फ पांच दिनों के अंदर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को दूसरी बार यहां दौरे पर आए हैं। 20 अक्टूबर को ही प्रधानमंत्री ने कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का लोकार्पण और मेडिकल कालेज का शिलान्यास किया था। आज उन्होंने सिद्धार्थनगर से नौ मेडिकल कालेजों का उद्घाटन करने के साथ ही देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना के शुभारंभ के लिए वाराणसी को चुना। इसके साथ ही वाराणसी को 5229 करोड़ रुपए की योजनाओं की सौगात भी देंगे। प्रधानमंत्री के इन ताबड़तोड़ दौरों से साफ दिख रहा है कि उन्होंने यूपी चुनाव की कमान संभाल ली है और पूरा फोकस पूर्वांचल पर रखा है।
चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं वैसे-वैसे यूपी की राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ रही हैं। हर राजनीतिक दल ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सौगातों की झड़ी लगा दी है। सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने सिद्धार्थनगर से जिन नौ मेडिकल कालेजों का शुभारंभ किया उनमें सिद्धार्थनगर के माधव प्रसाद त्रिपाठी चिकित्सा महाविद्यालय के अलावा देवरिया, एटा, फतेहपुर, हरदोई, गाजीपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर और मिर्जापुर मेडिकल कालेज का वर्चुअल लोकार्पण शामिल हैं। इन मेडिकल कालेजों के निर्माण पर 2239 करोड़ रुपये की लागत आई है।
‘पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ (पीएमएएसबीवाई) के शुभारंभ के लिए काशी को चुनकर भी प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वांचल को संदेश दिया है। यह देश की स्वास्थ्य संरचना को मज़बूत करने के उद्देश्य से यह अब तक की बड़ी योजनाओं में से एक होगी। इसके तहत पांच लाख से अधिक आबादी वाले सभी जिलों में गहन चिकित्सा (क्रिटिकल केयर) सेवाएं उपलब्ध होंगी। एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं भी स्थापित होंगी। साथ आईटी सक्षम रोग निगरानी प्रणाली विकसित की जाएगी। यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगी।
पीएम से काशी को 5229 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात भी मिली है। इनमें रिंग रोड, पार्किंग, पर्यटन का विकास व जनसुविधाओं से जुड़े 28 विकास कार्य शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन परियोजनाओं से जहां जाम की समस्या से निजाज मिलेगी वहीं वाराणसी सहित आसपास के जिलों में विकास की रफ्तार भी तेज होगी। वाराणसी के पर्यटन को भी फायदा होगा।
पूर्वांचल से गुजरेेेगा यूपी की सत्ता का रास्ता
कहते हैं कि देश की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है तो वहीं यह कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश की सत्ता का रास्ता पूर्वांचल से गुजरता है। इसी सोच के तहत भाजपा ने पूर्वांचल में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। यूपी की 33 प्रतिशत सीटें पूर्वांचल से आती हैं। इसके 28 जिलों में 164 विधानसभा सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां से 115 सीटें मिली थीं। जबकि सपा को 17, बसपा को 14, कांग्रेस को दो और अन्य को 16 सीटें मिली थीं। जाहिर है, 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से सर्वाधित सीटें जीती थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जिला गोरखपुर और पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी पूर्वांचल में है। भाजपा की कोशिश इस बार 2017 के इतिहास को दोहराने के साथ ही 2024 के लिए माहौल बनाने की भी है। इधर, लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों का आंदोलन गर्म है। जानकारों का कहना है कि इस वजह से भी भाजपा ने पूर्वांचल पर अपना फोकस बढ़ा दिया है।
राजभर के सपा के साथ जाने के मायने
भाजपा के मिशन-2022 में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर के हालिया राजनीतिक स्टैंड से भी एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। जानकारों का कहना है पूर्वी उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर राजभर वोटों की अच्छी-खासी तादाद है। हालांकि भाजपा नेता बार-बार कह रहे हैं कि ओमप्रकाश राजभर के कहीं भी जाने से कोई असर नहीं पड़ेगा।
पीएम की छह जनसभाओं से माहौल बनाने की कोशिश
विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले भाजपा की कोशिश पूर्वांचल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र की छह जनसभाओं से माहौल बनाने की है। इस दौरान प्रधानमंत्री विकास के कामों की सौगात तो देंगे ही केंद्र और प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाकर मिशन-2022 को सफल बनाने की अपील भी करेंगे। 20 अक्टूबर को पीएम ने कुशीनगर को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के साथ ही 478.74 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात भी दी थी। जल्द ही प्रधानमंत्री गोरखपुर खाद कारखाना और गोरखपुर एम्स का भी शुभारंभ कर सकते हैं।
जातीय समीकरण भी साध रही बीजेपी
मिशन यूपी के लिए बीजेपी पूर्वांचल में जातीय समीकरण भी साध रही है। प्रधानमंत्री मोदी के बार-बार दौरों के साथ ही पार्टी ने पूर्वांचल में छोटे सियासी दलों को साधने की रणनीति पर काफी पहले से काम करना शुरू कर दिया था। अनुप्रिया पटेल की अपना दल (एस) और संजय निषाद की निषाद पार्टी को पार्टी समझौते की डोर से जोड़ चुकी है। माना जाता है कि अपना दल (एस) की पूर्वांचल के कुर्मी वोटों और संजय निषाद की निषाद वोटों पर अच्छी पकड़ है।
2014, 2019 और 2017 में भी पूर्वांचल से की थी अभियान की शुरुआत
पीएम मोदी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव और 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भी अपने अभियन की शुरुआत पूर्वांचल से ही की थी। इस बार मिशन-2022 की शुरुआत के लिए भी उन्होंने पूर्वांचल की चुना है।