फोन नंबर बदलने से यूपी के 33 लाख किसानों का पीएम निधि सम्मान निधि का पैसा फंसा
यूपी के 33 लाख से ज्यादा किसानों की पीएम सम्मान निधि योजना पर ब्रेक लग गया है। फोन नंबर को बदल देने के कारण ई-केवाईसी के दौरान आधार लिंक नहीं हो रहा है। कृषि विभाग गांव-गांव जाकर शिविर लगा रहा है।
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जरा सी लापरवाही ने सूबे के 33 लाख से ज्यादा किसानों की पीएम सम्मान निधि पर ब्रेक लगा दिया है। निधि लेने के दौरान दिए गए फोन नंबर को बदल देने के कारण ई-केवाईसी व आधार लिंक न होने से उनकी सम्मान निधि पर ब्रेक लग गया है। कृषि विभाग अब गांव-गांव जाकर शिविर लगाने की कवायद में जुट गया है।
उत्तर प्रदेश के 2.41 करोड़ किसानों को पिछले साल योजना की 11वीं किस्त मिली थी। 12वीं किस्त में यह संख्या 1.79 करोड़ रह गई। अब इस योजना की 13वीं किश्त फरवरी माह में आ सकती है। ऐसे में अभी भी यूपी के 33 लाख से अधिक किसान ऐसे हैं, जिनकी ई-केवाईसी पूरी नहीं हो सकी है।
सबसे अधिक गोरखपुर-बस्ती मंडल में सात लाख की ईकेवाईसी नहीं
यूपी में गोरखपुर-बस्ती मंडल में सबसे ज्यादा किसानों की ई-केवाईसी नहीं हो सकी है। इन दोनों मंडलों में करीब सात लाख किसान ई-केवाईसी से वंचित हैं। प्रयागराज में 2.16 लाख व लखीमपुरी खीरी में भी 2.16 लाख किसान वंचित हैं।
आधार में नंबर लिंक पर अब वो सक्रिय नहीं
कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आधार कार्ड से जो मोबाइल नंबर किसानों के लिंक हैं। पूरे यूपी में लाखों की तादाद में किसानों ने वह नंबर बदल दिए। उनकी जगह अन्य कंपनियों के नंबर ले लिए। अब आधार नंबर डालने की वजह से ओटीपी न आने से पीएम सम्मान निधि की ई-केवाईसी नहीं हो पा रही है।
अब गांव-गांव जाकर लगाए जाएंगे कैंप
कृषि विभाग के मुताबिक किसानों की ई-केवाईसी कराने के लिए गांव-गांव जाकर कैंप लगाए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक से किसानों की ई-केवाईसी हो सके। इसके लिए किसानों का वह मोबाइल नंबर होना जरूरी है जिससे आधार लिंक हैं। वहीं बैंक खाते में भी वही नंबर दर्ज हो।
ई-केवाईसी के लिए इन बातों का रखें ध्यान :
संयुक्त कृषि निदेशक राकेश बाबू ने बताया कि ई-केवाईसी के लिए किसान अपने नजदीकी जनसेवा केंद्र पर जाएं। वहां पीएम सम्मान निधि की बेवसाइट पर केंद्र संचालक आवश्यक जानकारी भरेगा। आधार व बैंक खाता लिंक कर मोबाइल नंबर दर्ज करेगा। जिसके बाद फोन पर एक ओटीपी आएगा। किसान उस ओटीपी को संचालक को बताएगा। ओटीपी दर्ज करने के बाद ई-केवाईसी पूर्ण मानी जाएगी।
13वीं किश्त मिलने की शर्तें :
-भूमि रिकॉर्ड को वेरिफाई होना चाहिए,
-पीएम-किसान पोर्टल पर किसान का ई-केवाईसी पूरा हो
-किसान का बैंक खाता आधार से जुड़ा हो
कहां कितने किसानों की ई-केवाईसी नहीं हुई :
गोरखपुर-बस्ती मंडल 07 लाख
बलिया, गाजीपुर सहित नौ जिलों में-6.29 लाख
मुरादाबाद मंडल-1.75 लाख
लखीमपुर खीरी- 2.16 लाख
शाहजहांपुर- 1.23 लाख
प्रयागराज-2.16 लाख
अलीगढ़ मंडल-1.65 लाख
बरेली- 90 हजार
मुजफ्फरनगर-88 हजार
फतेहपुर- 84 हजार
सहारनपुर-81 हजार
लखनऊ-79 हजार
आगरा-73 हजार
संयुक्त कृषि निदेशक अलीगढ़ मंडल राकेश बाबू के मुताबिक ई-केवाईसी नहीं होने की वजह से किसानों की 13वीं किश्त मिलने पर ब्रेक लगा हुआ है। किसानों की ई-केवाईसी न होने में सबसे ज्यादा दिक्तत आधार लिंक मोबाइल नंबर नहीं होना है। किसानों ने टॉकटाइम के लालच में आकर मोबाइल नंबर बदल लिए। अब दिक्कत सामने आ रही है।