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इस उम्र के लोगों की सबसे ज्यादा हो रहीं मौतें, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

राजधानी लखनऊ में सबसे ज्यादा मौतें बुजुर्गों की हो रही है। बैकुंठ धाम भैसाकुंड श्मशान घाट पर जिनकी बॉडी आ रही है उनमें ज्यादातर की उम्र 60 वर्ष से ऊपर है। लगभग 65% प्रतिशत शव 60 से 90 वर्ष के लोगों...

इस उम्र के लोगों की सबसे ज्यादा हो रहीं मौतें, पढ़िए पूरी रिपोर्ट
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊTue, 13 Apr 2021 10:11 AM
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राजधानी लखनऊ में सबसे ज्यादा मौतें बुजुर्गों की हो रही है। बैकुंठ धाम भैसाकुंड श्मशान घाट पर जिनकी बॉडी आ रही है उनमें ज्यादातर की उम्र 60 वर्ष से ऊपर है। लगभग 65% प्रतिशत शव 60 से 90 वर्ष के लोगों के हैं। सबसे ज्यादा मौतें सामान्य बताई जा रही है। 40 से 59 वर्ष के बीच के करीब 30% लोगों की बॉडी शमशान घाट आयी है। बाकी 5% कम उम्र के लोगों की हैं। 

कोरोना संक्रमण के बाद श्मशान घाटों पर शवों के दाह संस्कार के लिए कतारें लग रही हैं। कोरोना से पहले अन्य सामान्य दिनों की तुलना में इस समय 5 गुना ज्यादा शव दाह संस्कार के लिए आ रहे हैं  सोमवार को हिंदुस्तान ने पड़ताल किया तो पता चला कि जिन लोगों की मौतें हो रही हैं और उनके शव दाह संस्कार के लिए बैकुंठधाम आ रहै है उनमें से 65% लोग ऐसे हैं जिनकी उम्र 60% वर्ष या इससे अधिक है। इनमें से तमाम ऐसे हैं जिन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। लेकिन कोरोना भी कारण नहीं बताया गया है। इनमें से तमाम लोगों का निधन घरों में ही हो गया है। इनकी कोरोना की जांच भी नहीं हुई है।

शनिवार को बैकुंठ धाम तथा गुलाला घाट दोनों जगहों पर 142 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था। इसमें से केवल 62 मरीज कोरोना संक्रमित थे। बाकी लोगों की नॉर्मल मृत्यु दिखाई गई। इसमें से 93 की उम्र 60 साल से ऊपर है। लंबे अरसे से श्मशान घाट पर काम करने वाले नगर निगम के कर्मचारी कहते हैं कि कोरोना संक्रमण से पहले बीते वर्षों में गर्मी के दिनों में कभी इतनी बॉडी अंतिम संस्कार के लिए नहीं आईं। चिंता जनक यह है कि यह मौते कोविड की नहीं बताई गई हैं। रोजाना एक दो प्रतिशत बाड़ी ही दुर्घटना की आ रही हैं।

यह मौतें भी कोविड-19 की तरफ कर रही हैं इशारा

प्राग नारायण रोड पर शनिवार को एक अपार्टमेंट के बाहर कुर्सी पर बैठे बैठे एक गार्ड का निधन हो गया। गार्ड को दो-तीन दिन से फीवर आ रहा था। उसकी कोविड-19 की जांच नहीं हुई थी। इसे सामान्य मरीज के तौर पर देखा गया। जबकि लोग इसे भी कोरोना पॉजिटिव होने की आशंका जता रहे थे। इसी तरह निराला नगर में एक रिटायर्ड अधिकारी की माता जी का निधन हो गया। वह करीब 90 साल की थी। उन्हें कोई भी बीमारी नहीं थी। अच्छी खासी चलती फिरती थी। लेकिन एक ही दिन में उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई और निधन हो गया। इनका भी नान कॉविड मरीज के तौर पर अंतिम संस्कार किया गया। 
 
जिनकी मौत हो रही है उनमें सबसे ज्यादा बुजुर्ग ही हैं। मैं रोजाना श्मशान घाट व्यवस्था देखने जा रहा हूं। आज भी यहीं हूं। बुजुर्ग की बाडी ज्यादा आ रही हैं। कोरोना व सामान्य दोनों में बुजुर्ग की ही ज्यादा मौत हो रही है। 
राम नगीना त्रिपाठी, मुख्य अभियन्ता, नगर निगम 
 

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