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राम मंदिर आंदोलन की तर्ज पर चलेगा देशभक्ति का अभियान, मिशन 2022 पर नजर

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय शारीरिक प्रमुखों का पांच दिवसीय अभ्यास वर्ग सोमवार से शुरू हो रहा है। कारसेवकपुरम में आयोजित वर्ग की तैयारियां पूरी हो चुकी है। वहीं केन्द्रीय अधिकारियों का...

राम मंदिर आंदोलन की तर्ज पर चलेगा देशभक्ति का अभियान, मिशन 2022 पर नजर
हिन्दुस्तान टीम,अयोध्या Sun, 17 Oct 2021 09:13 AM

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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय शारीरिक प्रमुखों का पांच दिवसीय अभ्यास वर्ग सोमवार से शुरू हो रहा है। कारसेवकपुरम में आयोजित वर्ग की तैयारियां पूरी हो चुकी है। वहीं केन्द्रीय अधिकारियों का आगमन भी शुरू हो गया है। इस आयोजन में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी हिस्सा ले रहे हैं। वह तीन दिवसीय प्रवास पर 19 अक्तूबर को अयोध्या पहुंचेंगे। इस आयोजन में संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भैय्या जी जोशी, राष्ट्रीय शारीरिक प्रमुख सुनील कुलकर्णी व सह प्रमुख जगदीश प्रसाद भी यहां पहुंच रहे हैं।

अभ्यास वर्ग में देश के 45 सांगठनिक प्रांतों के प्रत्येक जिलों से करीब पांच सौ से अधिक शारीरिक प्रमुख भाग लेंगे। इस वर्ग में संगठन की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा के साथ भविष्य की भी कार्ययोजना तय की जाएगी।  यह अभ्यास वर्ग विशुद्ध सांगठनिक है जो कि पांच साल में एक बार आयोजित होता है।  देश की वर्तमान चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए संगठन की ओर से सामाजिक समरसता का अभियान सतत् चल रहा है। इस बीच आजादी के 75 वें वर्ष में अमृत महोत्सव के अवसर पर राम मंदिर आन्दोलन की ही तर्ज पर देशभक्ति का अभियान भी चलाया जाएगा। इस अभियान को वंदे मातरम् नाम दिया गया है। इस अभियान में भारत माता के पूजन के साथ गुमनाम क्रांतिकारियों से जनसामान्य को परिचित कराया जाएगा।

नागपुर के बाद अब अयोध्या बन सकता आरएसएस का दूसरा केंद्र

संघ की स्थापना विजयदशमी के पर्व पर नागपुर में 1925 में हुई थी। इसके सौ साल पूरे होने पर अयोध्या में 2025 में शताब्दी वर्ष मनाया जाएगा। इस दौरान राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के साथ अयोध्या भी बदले स्वरूप में विकसित हो जाएगी।  संघ की योजनान्तर्गत ही अयोध्या को वैश्विक सांस्कृतिक राजधानी बनाने की दिशा केंद्र सरकार प्रयासरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विजन डाक्यूमेंट को लेकर दिए गये सुझावों में विजन 2047 का जिक्र करते हुए अयोध्या के सर्व समावेशी स्वरूप को प्रस्तुत करने की अपेक्षा की थी।

मिशन 2022 पर भी रहेगी संघ की नजर

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ गैर राजनीतिक संगठन होते हुए भी निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए राजनीतिक शक्ति अर्जित करना सबसे बड़ा अभीष्ट है। इस अभीष्ट की पूर्ति का माध्यम आनुषांगिक संगठन भाजपा है। केंद्र व प्रदेश में पहली बार गठित पूर्ण बहुमत की सरकार के कारण ही राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरु होने के अलावा कश्मीर में धारा 370 हटाने में सफलता मिल सकी। शिक्षा के भारतीयकरण को लेकर लागू नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने संघ परिवार का मनोबल बढ़ाया है। यही कारण संघ की नजर मिशन 2022 में यूपी समेत पांच राज्यों में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव पर भी रहेगी। वर्ग में इन चुनावों को लेकर भी भावी रणनीति तय की जा सकती है।
 

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