हम तो सबकी सुनते हैं, हमें तो बैठक में न तो किसी के आने से परहेज...सुरेश खन्ना का छलका दर्द
विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना का दर्द छलका उठा। मंत्री ने कहा, 'हम तो सबकी सुनते हैं। हमें तो बैठक में न किसी के आने से परहेज है, न किसी की बात सुनने से। हम खूब छिली-छिली सुनते हैं।'
विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना का दर्द छलका उठा। जनप्रतिनिधियों के सम्मान का मामला उठने पर मंत्री ने कहा, 'हम तो सबकी सुनते हैं। हमें तो बैठक में न किसी के आने से परहेज है, न किसी की बात सुनने से। सदन में तो हम खूब छिली-छिली सुनते हैं, सुबह से शाम तक। यहाँ कौन सी बात रह जाती है कहने से। जो कहने लायक होती है वह भी, जो नहीं कहने लायक है वह भी सुनते हैं।'
असल में सपा के ओम प्रकाश सिंह ने सदन में बुधवार को शून्य काल में जिला योजना समिति की बैठक न होने का मसला उठाया। कहा कि हम लोगों की सरकारी बैठकों में अधिकरियों द्वारा उतनी नहीं सुनी जा रही, जितना बताया जा रहा है। सपा के शिवपाल यादव ने इटावा में भी जिला योजना की बैठक न होने व अधिकारियों द्वारा फोन न उठाने की बात कही। इस पर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह मुख्य सचिव द्वारा जारी प्रोटोकॉल संबंधी शासनादेश का सख्ती से अमल करवाए। सुरेश खन्ना ने कहा कि पहले से ही निर्देश हैं कि अधिकारी मीटिंग में हों तो लौट कर विधायकों व सांसदों को कॉल बैक करें। सुरेश खन्ना ने कहा कि हर महीने पुलिस अधिकारी जिले के विधायकों संग बैठक करते हैं तो विपक्ष सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि बैठकें नहीं होती हैं।
इस बीच नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि सत्ता पक्ष के सदस्य चुपचाप अधिकारियों के यहां चले जाते हैं और चाय पीकर मिल आते हैं। विपक्षी विधायकों को भी बैठकों में बुलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला योजना समिति की बैठकें पहले होती थीं तो बजट खर्च पर भी चर्चा होती थी। उसमें काम की गुणवत्ता पता चलती थी। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि जिला योजना समिति की बैठकें अब नियमित रूप से करवाई जाएंगी।
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