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मुलायम सिंह यादव समेत यूपी की आठ हस्तियों को पद्म पुरस्कार, सीएम योगी ने दी बधाई

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने इस साल के पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी। यूपी की 8 विभूतियों को पद्म पुरस्कार दिए जाएंगे। इनमें सबसे बड़ा नाम सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का है।

मुलायम सिंह यादव समेत यूपी की आठ हस्तियों को पद्म पुरस्कार, सीएम योगी ने दी बधाई
Yogesh Yadavलाइव हिन्दुस्तान,लखनऊThu, 26 Jan 2023 12:35 AM
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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने इस साल के पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी। यूपी की 8 विभूतियों को पद्म पुरस्कार दिए जाएंगे। इनमें सबसे बड़ा नाम सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का है। मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्मविभूषण सम्मान दिया जाएगा। सीएम योगी ने पद्म सम्मान पाने वाली सभी हस्तियों को बधाई दी है।

सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आज प्रतिष्ठित 'पद्म पुरस्कार' से सम्मानित होने वाली उप्र की सभी 8 विभूतियों का हृदय से अभिनंदन! विभिन्न क्षेत्रों में आप सभी के उत्कृष्ट योगदान ने प्रदेश को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पटल पर गौरवभूषित किया है। लक्ष्य के प्रति आप सभी का समर्पण अनुकरणीय है। आप सभी को बधाई!

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को (मरणोपरांत) 'पद्म विभूषण' से अलंकृत करना उनके संघर्ष को मोदी सरकार का सम्मान माना जा रहा है। इसके साथ ही साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रो.विश्वनाथ प्रसाद तिवारी सहित कला, साहित्य व शिक्षा, मेडिसिन, विज्ञान और सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने वाली 7 हस्तियों को 'पद्म श्री' अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा।

मुलायम को पद्मविभूषणः सामाजिक न्याय की लड़ाई को मोदी सरकार का सम्मान

मुलायम और विश्वनाथ तिवारी के अलावा राधाचरण गुप्ता को साहित्य और शिक्षा में शानदार काम के लिए पद्मश्री दिया जाएगा। कला के क्षेत्र में दिलशाद हुसैन को सम्मान मिलेगा। साइंस और इंजीनियरिंग में अरविंद कुमार और सामाजिक कार्य में उमा शंकर पांडेय को पद्मश्री मिलेगा। मेडिसीन में मनोरंजन साहू और ऋत्विक सान्याल को भी कला में पद्मश्री मिला है। 

विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को पद्मश्री से साहित्य जगत का नाम और ऊंचा

साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को पद्मश्री मिलने से साहित्य जगत का नाम और ऊंचा हो गया है। वह दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं दस्तावेज के संपादक रह चुके हैं। पूर्वांचल की माटी में पले-बढ़े मूलत: कुशीनगर जिले के रहने वाले प्रो. तिवारी आज भी साहित्य साधना में लगे हुए हैं।

कुशीनगर जिले के रायपुर भैंसही-भेडिहारी गांव में 20 जून 1940 को जन्मे आचार्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी एक लोकप्रिय शिक्षक रहे हैं। गोरखपुर शहर के बेतियाहाता के रह रहे प्रो. तिवारी दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष पद से वर्ष 2001 में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने इंग्लैण्ड, मारीशस, रूस, नेपाल, अमेरिका, नीदरलैंड, जर्मनी, फ्रांस, लक्जमबर्ग, बेल्जियम, चीन, कनाडा, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रिया, जापान और थाईलैंड की यात्राएं कीं। रूस की राजधानी मास्को में साहित्य के प्रतिष्ठित पुश्किन सम्मान से भी नवाजे जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान से उन्हें कई सम्मान मिले हैं।

दिलशाद हुसैन ने दी पीतलनगरी को अधिक चमक

पीतलनगरी के हस्तशिल्प की पहचान पूरे विश्व में है। इस पहचान को और अधिक चमक देने में सहयोग करने वाले शिल्पगुरु दिलशाद हुसैन का चयन पद्श्री सम्मान के लिए हुआ है। मुरादाबाद में इससे पहले किसी को पद्म पुरस्कार नहीं मिला है। हस्तशिल्प की उनकी प्रतिभा के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कायल हैं। अगस्त 2022 जब में जी-7 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्राध्यक्षों को उपहार दिए थे, उन्होंने जर्मनी के चांसलर को दिलशाद हुसैन का बनाया कलश भेंट किया था। पद्मश्री के लिए चयनित होने की सूचना मिलने के साथ ही पूरा परिवार खुशी से झूम उठा।

इसके अलावा दिलशाद हुसैन के नाम के साथ अनेक उपलब्धियां जुड़ी हुई हैं। वह राज्य पुरस्कार के साथ, राष्ट्रपति पुरस्कार, शिल्पगुरु पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं। उनके हाथों में जादू है। जब पीलत के आइटम को लेकर बैठते हैं, अनूठी कलाकृतियां निकलती है। उन्होंने पीतल की प्लेट पर नक्काशी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर बनाई थी।

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