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यूपी के सरकारी अस्पतालों में शाम की ओपीडी भी चलेगी

सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करने के लिए राज्य सरकार नया प्रयोग करने जा रही है। अब आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के सहयोग से सभी सरकारी...

आईएमए के परेड स्थित टेम्पल ऑफ सर्विस में सोमवार को चैरिटेबल मल्टी स्पेशियलिटी ओपीडी का उद्घाटन करते प्रदेश के चिकित्सा मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह।
1/ 2आईएमए के परेड स्थित टेम्पल ऑफ सर्विस में सोमवार को चैरिटेबल मल्टी स्पेशियलिटी ओपीडी का उद्घाटन करते प्रदेश के चिकित्सा मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह।
आईएमए के परेड स्थित टेम्पल ऑफ सर्विस में सोमवार को चैरिटेबल मल्टी स्पेशियलिटी ओपीडी के उद्घाटन के मौके पर मौजूद डॉक्टर।
2/ 2आईएमए के परेड स्थित टेम्पल ऑफ सर्विस में सोमवार को चैरिटेबल मल्टी स्पेशियलिटी ओपीडी के उद्घाटन के मौके पर मौजूद डॉक्टर।
प्रमुख संवाददाता,कानपुरMon, 01 Jul 2019 11:28 PM
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सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करने के लिए राज्य सरकार नया प्रयोग करने जा रही है। अब आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के सहयोग से सभी सरकारी अस्पतालों में शाम और अवकाश के दिनों में भी ओपीडी चलेगी। ओपीडी में मरीजों से मिलने वाली फीस को डॉक्टरों से शेयरिंग की जाएगी। इसकी शुरुआत कानपुर में उर्सला अस्पताल से की जाएगी। उन्होंने बताया कि आईएमए के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूर कर लिया गया।


स्वास्थ्य मंत्री ने सोमवार शाम को आईएमए के परेड स्थित टेम्पल ऑफ सर्विस में चैरिटेबल मल्टी स्पेशियलिटी ओपीडी का उद्घाटन किया। सिंह ने कहा कि इस प्रस्ताव पर 10 दिन में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी, डीएम और आईएमए डॉक्टर मंत्रणा कर एक ब्लू प्रिंट उनके पास भेजेंगे। उसी के बाद इसे कैबिनेट में रखकर पास कराया जाएगा। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बहुत ज्यादा है लेकिन डॉक्टरों की संख्या काफी कम है। इलाज में सप्लाई-मांग का अनुपात बिगड़ गया है। ऐसे में आईएमए का प्रस्ताव प्रदेश में चिकित्सा सेवाएं बेहतर करने में मील का पत्थर साबित होगा। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि जब वे कानपुर आ रहे थे तो मुख्यमंत्री काफी उत्साहित थे। उन्हें लग रहा है कि आईएमए साथ दे दे तो इलाज के इंतजाम और बेहतर हो जाएंगे। 


डॉक्टर काम बंद करने से बचें 
स्वास्थ मंत्री ने कहा कि डॉक्टरों के साथ मारपीट की घटनाएं अक्सर होती हैं। वर्ष 2011 में ही क्लीनिक स्टेबलिशमेंट एक्ट बना था। इसका कायदे से अनुपालन 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद से शुरू हुआ। 2017 में 17 तथा वर्ष 2018 में 14 एफआइआर दर्ज किए गए। जब सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है तो आप भी पूरा सहयोग करें। आपके काम बंद करने से आमजनता को परेशानी होती है। आप सभी तो डॉक्टर हैं ऐसे में हमसे अधिक संवेदनाएं हैं। 

उन्होंने कहा कि कोलकाता में जो समस्या हुईं उसे ममता दीदी को सुलझाना चाहिए था। सांकेतिक विरोध देशभर में हुआ। यूपी में डॉक्टरों से बात की तो उन्होंने पूरा सहयोग किया। जन स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए रोकथाम में अधिक जोर होना चाहिए। डॉक्टरों की ऐसे ही कमी है, इसमें आपका सहयोग मिलेगा तो स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते हमेशा नतमस्तक रहेंगे। 


मायावती-अखिलेश ने दलितों और मुस्लिमों को ठगा
प्रदेश के चिकित्सा-स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मीडिया से वार्ता में कहा कि मायावती और अखिलेश यादव ने दलितों-मुस्लिमों को सबसे ज्यादा ठगा है। मायावती दलितों की हमदर्द हैं और अखिलेश यादव मुसलमानों के रहनुमा बनने का दावा करते हैं। सच्चाई यह है कि इंसेफेलाइटिस का सबसे अधिक कहर मुस्लिमों और दलितों पर ही होता है। भाजपा सरकार में रोकथाम की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जेई और एई में नियंत्रण कर लिया है। सरकारी अस्पतालों में इंतजाम किए जा रहे हैं। मॉब लिंचिंग के बार में कहा कि जांच हो रही है तभी कुछ कहा जा सकेगा। उन्होंने प्रियंका गांधी की लगातार आ रही टिप्पणी पर कहा कि पहले वे यूपी को समझ लें फिर कोई बात करें। वे फुलटाइम राजनीति का तो मन बनाएं। यह न करें कि दिल्ली या विदेश जा जाकर यूपी में कानून-व्यवस्था पर कुछ कहें। अभी पूरे 75 जिलों को समझ तो लें। 
 

यह है प्रस्ताव 
आईएमए का प्रस्ताव मरीजों की बड़ी तकलीफों को हल करेगा। टाटा ट्रस्ट का मॉडल भी यही है। माना जा रहा है कि ओपीडी में मरीजों से 100 या 50 रुपए लिए जाएंगे। आधा धन डॉक्टरों को दिया जाएगा। मौजूदा समय में मरीजों को 80 फीसदी चिकित्सा सेवाएं निजी क्षेत्र दे रहा है जबकि 20 फीसदी ही सरकारी क्षेत्र इलाज दे पा रहे हैं लेकिन इसमें निजी डॉक्टर ओपीडी में मरीज को भर्ती तो कर देंगे लेकिन बाद में फालोअप नहीं करेंगे। केबल आईएमए के साथ ओपीडी ही चलाई जाएगी। 

 

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