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अक्षय नवमी के मौके पर अयोध्या में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, 30 लाख लोगों ने की 14 कोसी परिक्रमा

कार्तिक शुक्ल नवमी के पर्व को अक्षय नवमी के रूप में मनाने की परंपरा है। इसी मौके पर अयोध्या में 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने 14 कोसी परिक्रमा की।

अक्षय नवमी के मौके पर अयोध्या में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, 30 लाख लोगों ने की 14 कोसी परिक्रमा
Pawan Kumar Sharmaहिन्दुस्तान,अयोध्याTue, 21 Nov 2023 08:40 PM
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कार्तिक शुक्ल नवमी के पर्व को अक्षय नवमी के रूप में मनाने की परंपरा है। कहा जाता है कि इस पर्व पर किए गये पाप-पुन्य का क्षय नहीं होता है। इस धारण के चलते अक्षय पुन्य का भागी बनने लाखों श्रद्धालु अयोध्या आते हैं और धर्म-कर्म के जरिए पुण्यार्जन करते हैं। इसी परंपरा में सनातन काल से अयोध्या के 14 कोसी परिक्षेत्र की परिक्रमा होती रही है और उसी श्रृंखला में सोमवार को शाम से 14 कोसी परिक्रमा का श्रीगणेश हो गया है। प्रशासनिक अनुमान के मुताबिक इस परिक्रमा में 30-35 लाख श्रद्धालुओं ने हिस्सा लेकर पुण्यार्जन किया।

इस परिक्रमा का मुहूर्त 20/21 नवंबर की रात 02.09 बजे से 21 नवंबर की रात 11.38 तक निर्धारित था। फिर भी यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने सोमवार को सूर्यास्त के बाद ही परिक्रमा का श्रीगणेश कर दिया और जैसे-जैसे रात का धुंधलका बढ़ता गया करीब 45 किमी . लंबा परिक्रमा पथ परिक्रमार्थियों के रेले से पटता चला गया। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से पहले आयोजित इस परिक्रमा में युवाओं की तादाद पहले के मुकाबले कहीं अधिक थी और उनका जोश भी आसमान छूता दिखाई दे रहा था। जय श्रीराम के उद्घोष के बीच बढ़ते रेलवे में श्रीराम नाम विजय मंत्र का जप करते संत-साधक की भी टोलियां भी नजर आई। तो आधी आबादी भी धर्म-कर्म में पुरुष वर्ग से कब पीछे रही है, ऐसे में उनकी भी भागीदारी बराबर बनी थी।

कड़े सुरक्षा पहरे में बिना भीड़ के दबाव में दिन भर चली परिक्रमा

निर्धारित मुहूर्त से काफी पहले परिक्रमा शुरू होने के कारण अधिकांश भीड़ का दबाव रात दस बजे से सुबह छह बजे तक ही देखने को मिला। फिर भी परिक्रमा पथ के चौड़ीकरण की प्रक्रिया के पहले चरण में सकरे रास्ते के अवरोधों को हटाकर मुहाना दुरुस्त कर दिए जाने से परिक्रमा पथ में कहीं अप्रिय स्थिति की सूचना नहीं मिली। वहीं बालू के छिड़काव से भी राहत जरूर मिली लेकिन धूल-गुबार के संकट के साथ रास्तों की चौड़ाई बढ़ाने के लिए भवनों के ध्वस्तीकरण के कारण पटरियों स्थिति कहीं कहीं नाजुक बनी थी। इसके ठोकरों से की श्रद्धालु चोटहिल हुए। उधर मंडलायुक्त गौरव दयाल व जिलाधिकारी नीतीश कुमार सहित आईजी प्रवीण कुमार व एसएसपी आरके नैय्यर लगातार भ्रमणशील रहकर पल -पल की सूचना ले रहे थे। वहीं परिक्रमा पथ की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जाती रही।

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