कैग रिपोर्ट में आपत्ति- यूपी के 55 निकायों और कई प्राधिकरणों की ऑडिट रिपोर्ट नहीं मिली
यूपी के 55 निकायों और कई प्राधिकरणों की ऑडिट रिपोर्ट नहीं मिली। कैग की रिपोर्ट में आपत्ति जताई जिसके अनुसार यूपी के 55 स्वायत्तशासी निकायों और प्राधिकरणों की 343 आडिट रिपोर्ट लंबित।
भारत के नियंत्रक एवं लेखा महानिरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में आपत्ति जताई गई है कि प्रदेश के 55 स्वायत्तशासी निकायों और प्राधिकरणों की 343 आडिट रिपोर्ट लंबित है। ऊर्जा विभाग एक, लखनऊ विकास प्राधिकरण छह, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण एक, आगरा विकास प्राधिकरण तीन, मेरठ विकास प्राधिकरण तीन, प्रयागराज विकास प्राधिकरण दो, हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण तीन, वाराणसी विकास प्राधिकरण छह, मुरादाबाद, गोरखपुर, मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण की क्रमश: छह, एम व तीन अलीगढ़ तीन, बरेली, रायबरेली व सहारनपुर की छह-छह, अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण तीन, फिरोजाबाद-शिकोहाबाद विकास प्राधिकरण की छह और कानपुर विकास प्राधिकरण की तीन आडिट रिपोर्ट जमा नहीं की गई।
यही हाल अन्य विकास प्राधिकरणों का है। वन विभाग तीन, अवस्थापना व औद्योगिक विकास प्राधिकरण पांच, यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण एक, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण छह, सथारिया औद्योगिक विकास प्राधिकरण 18, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण 18, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण 18 और लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2005-06 से 2020-21 की 16 आडिट रिपोर्ट लटकी हुई है। यूपी भवन व सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की 1996-97 से 2022-23 के बीच 27 रिपोर्ट बकाया हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की 17 आडिट रिपोर्ट दाखिल नहीं की गईं।
यूपी में विकास के आंकड़े जारी
करीब दो साल कोरोना से सब कुछ प्रभावित रहने के बावजूद 2018-19 से 2022-23 तक यूपी औसतन 9.69 फीसदी की दर से विकास की रेस में शामिल है। यूपी के विकास की यह दर राष्ट्रीय विकास दर से अधिक बताई जा रही है। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में यूपी के विकास दर के ये आंकड़ें दिए हैं। विधानमंडल में पेश सीएजी की रिपोर्ट में लिखा है कि वर्तमान मूल्यों पर उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) यानी विकास दर 2018-19 में 1582180 करोड़ रुपये था, जो कि 2022-23 में बढ़कर 2257572 करोड़ रुपये हो गया है। इन आंकड़ों के मुताबिक यूपी की औसत जीएसडीपी की वृद्धि दर 9.69 फीसदी है। 2018-19 में यूपी का बजट खर्च 4,99,136 करोड़ रुपये था जबकि 2022-23 में बढ़कर 6,85556 करोड़ रुपये हो गया। बजट परिव्यय की यह दर औसतन 9.96 फीसदी है।
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