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नंबर सबसे ज्यादा फिर भी सिलेक्शन नहीं, क्या कैंसिल होगा सहायक भर्ती चयन ?

पीलीभीत जिले में पंचायत सहायक की भर्ती में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। ग्रामीण ने डीएम से शिकायत कर प्रधान, सचिव पर बिना आवेदन वाले अभ्यार्थी का चयन करने का आरोप लगाया। वहीं दूसरे एक और मामले...

नंबर सबसे ज्यादा फिर भी सिलेक्शन नहीं, क्या कैंसिल होगा सहायक भर्ती चयन ?
संवाददाता ,पीलीभीत Fri, 24 Sep 2021 01:07 PM

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पीलीभीत जिले में पंचायत सहायक की भर्ती में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। ग्रामीण ने डीएम से शिकायत कर प्रधान, सचिव पर बिना आवेदन वाले अभ्यार्थी का चयन करने का आरोप लगाया। वहीं दूसरे एक और मामले में पंचायत सहायक के लिए सर्वाधिक नंबर होने के बाद भी आवेदन निरस्त कर दिया गया। पीड़ित अभ्यार्थी ने डीएम, सीडीओ और डीपीआरओ को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की।

 

मामला बरखेड़ा विकास खण्ड क्षेत्र के गांव कोकिला निवासी राजवीर सिंह पुत्र राजबहादुर ने डीएम को की शिकायत में कहा कि गांव में पंचायत सहायक के पद पर आवेदन किया था। सबसे ज्यादा उसके ही नम्बर थे, पर ग्राम प्रधान और सचिव उसकी जगह एक दूसरी महिला का चयन कर लिया जबकि उसने अंतिम तिथि तक आवेदन भी नहीं किया था। आरोप है कि सचिव ने सम्बंधित अभ्यार्थी ने मोटी रकम ली है। इतना ही नहीं वह गांव में भी नहीं रहती है, इसके बाद भी उसका चयन करना कई सवाल खड़े करता है। इधर, सीडीओ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि पंचायत सहायक की भर्ती में जो भी शिकायतें आ रही है, उनके निस्तारण के लिए नोडल अफसर नामित है। फिर भी अगर किसी को कोई समस्या है तो वह मुझसे मिलकर शिकायत कर सकता है।

एक अन्य मामले में विजयपाल सहित गांव के सात लोगों ने पंचायत सहायक के पद पर आवेदन किया था। इसमें विजय के सबसे ज्यादा 67.67 फीसदी नंबर थे और चयन तय था। पर विजय के पिता ग्राम पंचायत सदस्य थे, जिसका हवाला देते हुए ग्राम कमेटी ने विजयपाल का आवेदन निरस्त कर दिया। अभ्यार्थी के पिता ने बेटे को नौकरी दिलाने को लेकर अपने ग्राम पंचायत सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया। आरोप है कि इस्तीफा देने के बाद भी सचिव मनोरंजन ने उसके आवेदन पर हस्ताक्षर नहीं किया। सचिव मनोरंजन के पास गए तो वह पूर्व सचिव संतोष के पास जाने को कहा। ऐसे ही कई दिनों तक चलता। परेशान विजयपाल ने अफसरों से शिकायत करने हुए सचिवों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। डीपीआरओ पीके यादव ने बताया कि कई मामले सामने आए है। इस्तीफा आवेदन के अंतिम तिथि से पहले के हैं तो उस पर निर्णय लिया जा सकता है, अगर बाद में दिया है तो उम्मीद कम है। फिर भी अंतिम फैसला जिलास्तरीय कमेटी के हाथ में है।

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