अब मोबाइल ऐप पर भी दर्ज होंगी अवैध निर्माण की शिकायतें, जानें कैसे
लखनऊ में होने वाले अवैध निर्माण की शिकायत अब लोग मोबाइल ऐप के माध्यम से कर सकेंगे। इसके लिए एलडीए ने आईसीएमएस साफ्टवेयर तैयार किया है।

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शहर में होने वाले अवैध निर्माण की शिकायत अब लोग मोबाइल ऐप के माध्यम से कर सकेंगे। इसके लिए एलडीए ने आईसीएमएस साफ्टवेयर तैयार किया है। शिकायत दर्ज होते ही सम्बंधित जोन की प्रवर्तन टीम स्थल का निरीक्षण करके कार्यवाही शुरू करेगी। इसकी सूचना शिकायतकर्ता को भी दी जाएगी। इससे अवैध निर्माणों पर कार्यवाही व निगरानी की प्रक्रिया पारदर्शी हो जाएगी। सोमवार को प्राधिकरण भवन के सभागार में एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने प्रवर्तन अधिकारियों व कर्मचारियों को साफ्टवेयर का पहला प्रशिक्षण दिलाया।
उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि अवैध निर्माणों के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जा रही है। जन सहभागिता के माध्यम से इस कार्य को और अधिक प्रभावी व पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से आईसीएमएस (इलीगल कंस्ट्रक्शन मानिटरिंग सिस्टम) साफ्टवेयर तैयार कराया गया है। उन्होंने बताया कि यह साफ्टवेयर तीन पार्ट में डिजाइन किया गया है, जोकि आपस में इंटीग्रेटेड होगा। इसके तहत यूपीडीए नाम से मोबाइल एप तैयार कराया गया है, जोकि एन्ड्राइड व आईओएस दोनों पर उपलब्ध होगा।
ऐसे कर सकेंगे शिकायत
डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि इस एप के माध्यम से अवैध निर्माण की शिकायत करना बेहद आसान होगा। इसके लिए सर्वप्रथम शिकायतकर्ता को प्रश्नगत स्थल पर जाकर एप पर एक्सेस करके अवैध निर्माण की कम से कम तीन फोटो लेकर अपलोड करनी होगी। फोटो अपलोड होते ही उक्त स्थल का लैटीट्यूड/लागिट्यूड व जोन का चयन एप स्वतः कर लेगा। शिकायतकर्ता एप पर दिये बाक्स में अवैध निर्माण से सम्बंधित सूचना व लैंडमार्क आदि अंकित कर सकेंगे। आईसीएमएस एप पर अवैध निर्माण की शिकायत सेव होते ही शिकायतकर्ता को एक यूनीक आईडी नंबर प्राप्त होगा। भविष्य में उक्त शिकायत पर होने वाली कार्यवाही से सम्बंधित सूचना शिकायतकर्ता को एसएमएस व ई-मेल के माध्यम से दी जाएगी।
शिकायत पर तुरंत प्रचलित होगी कार्यवाही
एप पर शिकायत दर्ज होते ही इसकी डिटेल सम्बंधित जोनल अधिकारी, विहित प्राधिकारी के पास पहुंच जाएगी। इसके बाद सम्बंधित अवर अभियंता, सहायक अभियंता मौके पर जाकर नियमानुसार स्थल का निरीक्षण करके स्पाट मेमो बनाएंगे। स्थल की फोटो व स्पाट मेमो इसी एप पर अपने लागिन से अपलोड करेंगे। यह सारी सूचनाएं जोनल अधिकारी, विहित प्राधिकारी के डाटाबेस में स्वतः अपलोड हो जाएंगी। इस साफ्टवेयर के पूरी तरह क्रियाशील होने के बाद मैन्युअल नोटिस पूर्णतः बंद कर दी जाएंगी। प्राधिकरण के प्रोग्रामर एनालिस्ट राघवेन्द्र मिश्र ने बताया कि भवन स्वामी व ठेकेदारों को अवैध निर्माण के सम्बंध में अपना जवाब आईसीएमएस एप पर ही दाखिल करना होगा। इसके लिए उन्हें केस आईडी के माध्यम से एप का एक्सेस दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि केस की सुनवाई से सम्बंधित सूचना सम्बंधित व्यक्तियों को एसएमएस व ई-मेल के माध्यम से दी जाती रहेंगी। उन्होंने बताया कि इस एप पर शीघ्र ही अवर अभियंताव सहायक अभियंता के क्षेत्र की भी जियो फेन्सिंग कर दी जाएगी। जिससे कि शिकायतकर्ता के प्रश्नगत स्थल पर जाते ही सम्बंधित अवर अभियंता व सहायक अभियंता का नाम स्वतः डिस्पले होगा।
