सही पहचान सामने आने के बाद भी ट्रांसपोर्टर सुधीर को राहत नहीं, हमनाम माफिया की वजह से झेल रहे परेशानी
माफिया सुधीर सिंह की गाड़ियों को जब्त करने के चक्कर में हमनाम ट्रांसपोर्टर की गाड़ियों को आरटीओ द्वारा लॉक किये जाने का मामला उलझता ही जा रहा है। एडीएम वित्त की आख्या पर आरटीओ प्रशासन ने साफ किया है...
माफिया सुधीर सिंह की गाड़ियों को जब्त करने के चक्कर में हमनाम ट्रांसपोर्टर की गाड़ियों को आरटीओ द्वारा लॉक किये जाने का मामला उलझता ही जा रहा है। एडीएम वित्त की आख्या पर आरटीओ प्रशासन ने साफ किया है कि उन्होंने प्रशासन से मिली सूची के आधार पर ही गाड़ियों को लॉक किया है। आगे जो दिशा-निर्देश होगा उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
शाहपुर पुलिस ने सात जुलाई को माफिया सुधीर सिंह की गाड़ियों की सूची आरटीओ कार्यालय से मांगी गई थी। जिसके बाद आरटीओ ने सुधीर सिंह के नाम पर पंजीकृत करीब 19 गाड़ियों की सूची उपलब्ध कराई थी। अब पुलिस ने उनमें से नौ गाड़ियों को माफिया सुधीर सिंह की बताते हुए जब्ती के लिए जिला प्रशासन को भेज दिया। प्रशासन ने शाहपुर की आख्या को मंजूर करते हुए सूची में दर्ज गाड़ियों की खरीद-बिक्री न हो इसके लिए आरटीओ पत्र भेजा था। इसी पत्र के आधार पर आरटीओ ने उन गाड़ियों को लॉक कर दिया। जिसके बाद पता चला कि दरअसल जिन गाड़ियों को जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है वह माफिया सुधीर सिंह की नहीं बल्कि बिछिया सर्वोदय नगर निवासी ट्रांसपोर्टर सुधीर सिंह की है।
ट्रांसपोर्टर सुधीर सिंह ने जनसुनवाई में आवेदन देकर आरोप लगाया कि प्रशासन ने माफिया सुधीर सिंह की जगह उनकी 9 गाड़ियों को जब्त करने की तैयारी में लॉक कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह गाड़ियों उन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई से खरीदी है और सभी गाड़ियों पर वर्तमान में पौने दो करोड़ के आप-पास का लोन भी है। जिसके बाद एसडीएम वित्त ने आरटीओ प्रशासन को पत्र लिखकर पूरे मामले में आख्या मांगी थी। आरटीओ के मुताबिक, गुरुवार को आरआई लक्ष्मीकांत को शाहपुर थाने भेजा था। ताकि थाने से यह रिपोर्ट प्राप्त की जा सके कि पुलिस ने किसकी गाड़ी की डिटेल मांगी थी। पर थाने से आरआई को रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो सकी। जिसके बाद आरटीओ की तरफ से शुक्रवार को प्रशासन को आख्या भेज दी गई है।
आरटीओ ने जो आख्या भेजी है उसमें बताया कि प्रशासन की तरफ से नौ गाड़ियों का नम्बर दिया गया था। उन गाड़ियों को ही लॉक किया गया है। अब ये वह गाड़ी नहीं हैं तो इसकी दूसरी सूची मिलने के बाद ही वह लॉक खोलने की कार्रवाई कर सकते हेँ। एआरटीओ प्रशासन श्याम लाल ने बताया कि प्रशासन द्वारा भेजी गई सूची के आधार पर गाड़ियों को लॉक किया गया था। उसका मिलान कर लिया गया है। अब प्रशासन की तरफ से आगे जो दिशा-निर्देश मिलेंगे उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट के खेल में फंसा है मामला
यह बात पुलिस भी जानती है कि गलती हो गई है और आरटीओ विभाग भी जानता है कि गलती हो गई है पर गलती स्वीकार करने से बचने के लिए अभी रिपोर्ट का खेल ही चल रहा है। अपनी किरकिरी होने के बाद पुलिस यह बता नहीं रही है कि उसने किस सुधीर सिंह की गाड़ियों के बारे में आरटीओ से जानकारी मांगी थी। वहीं आरटीओ विभाग कह रहा है जब पुलिस नहीं बता रही है तो वह कैसे मान लें। आरटीओ ने जिस हिसाब से अपना कदम आगे बढ़ाया है और आरआई ने थाने पहुंच कर जानकारी मांगने की कोशिश की है उस हिसाब से पुलिस बैकफुट पर आ गई है। फाइल न होने का बहाना बनाकर एसएचओ आरआई को थाने से लौटा चुके हैं। पहली चिट्ठी और रिपोर्ट के आधार पर ही अब गलती तय होगी।