निकाय चुनावः कब पूरा होगा वार्डों का आरक्षण, निर्वाचन आयोग की सख्ती पर शासन ने बताया
निकाय चुनाव में देरी की वजहों से शासन की किरकिरी होने लगी है। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने सोमवार को प्रमुख सचिव नगर विकास को तलब किया और उनसे वार्ड व सीटों के आरक्षण में हो रही देरी पर जवाब तलब किया।

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निकाय चुनाव में देरी की वजहों से शासन की किरकिरी होने लगी है। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने सोमवार को प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात को तलब किया और उनसे वार्ड व सीटों के आरक्षण में हो रही देरी का कारण पूछा। यह भी पूछा कि कब तक आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। प्रमुख सचिव ने आयोग से एक सप्ताह का और समय मांगा है।
प्रदेश में इस बार 763 नगरीय निकायों के चुनाव होने हैं, लेकिन इनमें वार्डों और उसके आरक्षण की स्थिति अभी तक साफ नहीं हो पाई है। राज्य निर्वाचन आयोग को सरकार से आरक्षण तय होने के बाद निकायों की सूची का इंतजार है। इसके बाद ही आयोग चुनाव कराने संबंधी अधिसूचना जारी करेगा।
नगरीय निकायों का कार्यकाल जनवरी से समाप्त होने लगेगा। आयोग इसीलिए चाहता है कि इससे पहले चुनावी प्रक्रिया पूरी करा ली जाए। चुनाव कराने के लिए आयोग को न्यूनतम 35-36 दिन का समय चाहिए, लेकिन अभी तक निकायों की सूची ही सरकार से नहीं मिली है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने अभी एक सप्ताह का और समय मांगा है। उन्होंने बताया कि नवंबर अंत तक सूची मिलने के साथ ही चुनाव कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
निकाय चुनाव के लिए 4.27 करोड़ मतदाता
राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्याधिकारी एसके सिंह ने बताया कि मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के बाद अब नगरीय निकाय चुनाव के लिए प्रदेश में 4,27,40,320 मतदाता हो गए हैं। वर्ष 2017 के चुनाव के समय कुल 3,35,95,547 मतदाता थे। ऐसे में 91.44 लाख मतदाता इस बार बढ़े हैं। अंतिम मतदाता सूची जारी होने के बाद मतदाता बनाने का काम फिर शुरू गया है।