यूपी में पेइंग गेस्ट और हॉस्टल चलाने के लिए आ रही नई नियमावली, 7 सदस्यीय कमेटी बनी
यूपी में निजी पेइंग गेस्ट (पीजी) और हॉस्टलों के संचालन के लिए जल्द ही नियमावली लागू होगी। इसका मसौदा तैयार हो गया है। विशेष सचिव शिपू गिरि की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
Paying guest and hostel: उत्तर प्रदेश में निजी पेइंग गेस्ट (पीजी) और हॉस्टलों के संचालन के लिए जल्द ही नियमावली लागू होगी। इसका मसौदा तैयार हो गया है और परीक्षण के लिए उच्च शिक्षा के विशेष सचिव शिपू गिरि की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति एक महीने में विद्यार्थी एवं जनहित में हॉस्टलों के पंजीकरण और संचालन को लेकर अपनी संस्तुति उपलब्ध कराएगी, जिसके बाद नियमावली को लागू किया जाएगा।
शासन के उप सचिव उच्च शिक्षा एसपी मिश्रा की ओर से 26 जुलाई को पत्र जारी किया गया है। गठित समिति में बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, प्राविधिक शिक्षा विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और गृह विभाग के एक-एक प्रतिनिधि को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज को समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है।
प्रतियोगी छात्रों को होगा इसका सर्वाधिक लाभ
पीजी और हॉस्टलों के पंजीकरण और संचालन की नियमावली बनने का सर्वाधिक लाभ प्रयागराज के लाखों प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को होगा। इसके लागू होने से मकान मालिकों की मनमानी पर रोक लगेगी और उन्हें न्यूनतम आवश्यक सुविधाएं मिल सकेंगी। प्रतियोगी छात्र भी लंबे समय से नियमावली बनाने की मांग कर रहे हैं। नियमावली न होने से आए दिन लॉज या हॉस्टल मालिकों और छात्रों के बीच विवाद होता रहता है। मनमाने तरीके से किराया बढ़ाना आम शिकायत है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के लिए हॉस्टल की पर्याप्त सुविधा न होने के कारण निजी हॉस्टल और लॉज वगैरह पर निर्भरता है।
इसके अलावा भर्ती परीक्षाओं की तैयारी के लिए आने वाले बड़ी संख्या में विद्यार्थी भी निजी पीजी, हॉस्टल और लॉज में ठौर तलाशते हैं। आवास की समस्या का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अल्लापुर, सलोरी, बघाड़ा, मम्मफोर्डगंज, राजापुर और तेलियरगंज जैसे इलाकों में किराए पर कमरा मिलना मुश्किल है। कोरोना काल में सर्वाधिक विवाद हुआ क्योंकि छात्र-छात्राओं के पास रुपये नहीं थे और लॉज या हॉस्टल मालिकों के दबाव में हजारों छात्र-छात्राओं को वापस जाना पड़ा।
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