यूपी में कारोबारी गृहिणियों के लिए जल्द आएगा नया कानून, बड़ी सहूलियत देने की तैयारी में योगी सरकार; जानें डिटेल
घरों में चाहे ब्यूटी पार्लर चलाना हो, फोटोकॉपी मशीन लगाना, पापड़-बड़ी बनाना या फिर कोई और छोटा-मोटा उद्योग का काम, यूपी में इस तरह के तमाम छोटे-छोटे कारोबार अब घरों से आसानी से संचालित हो सकेंगे।

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घरों में चाहे ब्यूटी पार्लर चलाना हो, फोटोकॉपी मशीन लगाना, पापड़-बड़ी बनाना या फिर कोई और छोटा-मोटा उद्योग का काम, यूपी में इस तरह के तमाम छोटे-छोटे कारोबार अब घरों से आसानी से संचालित हो सकेंगे। योगी सरकार ऐसा कानून बनाने जा रही है जिससे इस तरह की सूक्ष्म औद्योगिक गतिविधियों को आवासीय क्षेत्रों में संचालित करने में कोई बाधा नहीं आएगी। जल्द ही एक अधिनियम बनेगा। इससे संबंधित विधेयक विधानमंडल के दोनों सदनों से पास कराकर इसे कानूनी दर्जा दिया जाएगा।
नया कानून लाने के पीछे योगी सरकार का मकसद प्रदेश में लघु उद्योगों को बढ़ावा देना और उनमें महिलाओं की भागीदारी को और सशक्त करना है। एमएमएमई विभाग इस एक्ट का मसौदा बना रहा है। एमएसएमई विभाग ने ऊर्जा विभाग से कहा है कि इन सूक्ष्म औद्योगिक गतिविधियों के लिए घरेलू दर पर ही टैरिफ लिया जाना चाहिए। ऐसी व्यवस्था की जा रही है जिससे ऊर्जा विभाग को नुकसान न हो।
नए कानून से यह होगा फायदा
एमएसएमई विभाग का कहना है कि दिल्ली व केरल समेत कई राज्यों में इस तरह की व्यवस्था पहले से लागू है। इस कानून के बनने से लोग खासतौर पर महिलाएं घर बैठे ही रोजगार चला कर आत्मनिर्भर बन सकती हैं। अभी उन्हें इस तरह की गतिविधियों के लिए आवासीय क्षेत्र से बाहर दूर जाकर किराए पर जमीन लेकर व्यवसाय करना पड़ता है। अभी प्रदेश में विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में कार्यरत कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी की दर राष्ट्रीय औसत से कम है।
अन्य विभागों से मिली सैद्धांतिक सहमति
एमएसएमई विभाग को अन्य विभागों के साथ मीटिंग में से इस प्रस्तावित एक्ट को लेकर सैद्धांतिक सहमति मिल गई है। शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक सरकार इस एक्ट को लेकर काफी गंभीर है लेकिन इससे संबंधित सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार हो रहा है। माना जा रहा है कि विधानमंडल के मानसून सत्र में संबंधित विधेयक पास कराया जा सकता है। इससे लाखों महिलाओं को फायदा होगा और वे आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर हो सकेगी।
सड़क की न्यूनतम चौड़ाई होगी तय
नगर विकास विभाग ने मत दिया है कि आवासीय, वाणिज्यिक व मिश्रित क्षेत्रों के लिए अलग-अलग हाउस टैक्स के आधार पर अलग-अलग श्रेणीवार नंबर आवंटित किया जाता है। नई व्यवस्था से नंबर आवंटन में अड़चन आएगी। एमएसएमई विभाग ने कहा कि यह प्रस्ताव केवल आवासीय क्षेत्रों के लिए ही है। गाड़ी पर्किंग की समस्या का निस्तारण के लिए तय हुआ है कि इस तरह की गतिविधियों के लिए सड़क की न्यूनतम चौड़ाई प्रस्तावित एक्ट में दर्ज होगी।
कारोबार करना होगा आसान
-एमएसएमई विभाग बना रहा मसौदा,आपत्तियों,आशंकाओं का होगा समाधान
-विधानमंडल के दोनों सदनों से पास कराकर इसे कानूनी दर्जा दिया जाएगा
-शहरों के आवासीय क्षेत्रों में अब आसानी से कारोबार कर सकेंगी महिलाएं
-किसी प्रकार के विवाद का निपटारा डीएम की अध्यक्षता में कमेटी करेगी