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डेटोनेटर को लेकर NER के गार्डों ने लगाई RTI की झड़ी, पूछा-चोरी हो गया तो किस पर होगा केस

पूर्वोत्तर रेलवे में कार्यरत गार्डों ने बेहद ही 'विस्फोटक' आरटीआई लगाई है। आरटीआई के जरिए गार्डों ने रेल प्रशासन से जवाब मांगा है कि अगर ट्रॅाली बैग में रखा डेटोनेटर चोरी हो जाए या कहीं गिर...

डेटोनेटर को लेकर NER के गार्डों ने लगाई RTI की झड़ी, पूछा-चोरी हो गया तो किस पर होगा केस
वरिष्‍ठ संवाददाता ,गोरखपुर Thu, 28 Oct 2021 04:40 PM

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पूर्वोत्तर रेलवे में कार्यरत गार्डों ने बेहद ही 'विस्फोटक' आरटीआई लगाई है। आरटीआई के जरिए गार्डों ने रेल प्रशासन से जवाब मांगा है कि अगर ट्रॅाली बैग में रखा डेटोनेटर चोरी हो जाए या कहीं गिर जाए तो मुकदमा किस पर दर्ज होगा। साथ ही पूछा है कि अगर बैग को पीठ पर रखकर चलते समय विस्फोट हो जाए तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। एक साथ इतने गार्डों की आरटीआई पर फिलहाल रेल प्रशासन को जवाब नहीं सूझ रहा है।

 

आरटीआई के तहत आवेदनों की झड़ी उस समय लगी है जब रेलवे ने गार्डों और चालकों के लिए लाइन बाक्स की जगह ट्रॉली बैग को ले जाने की अनिवार्यता कर दी है। पूर्वोत्तर रेलवे के तीनों डिवीजन के करीब 50 गार्डों ने सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत यह जवाब मांगा है। सभी ने यही पूछा है कि ट्रॉली बैग में रखे डेटोनेटर (विस्फोटक) रात में घर ले जाते समय अगर कोई चोर उचक्का छीन ले तो इ स्थिति में रेल प्रशासन किस पर मुकदमा दर्ज कराएगा। मिली जानकारी के अनुसार सभी आरटीआई अधिकतम 20 दिन पुराने हैं। फिलहाल अभी किसी भी गार्ड को आरटीआई का जवाब नहीं मिला है।

 

गार्डों को सता रहा विस्फोटक का खतरा

गार्ड और लोको पायलटों को ट्रॉली बैग में आरडीएक्स की सुरक्षा का खतरा सता रहा है। उनका सवाल है कि कोहरे के दौरान ट्रेनों के संचालन में काम आने वाला यह विस्फोटक ट्रॉली बैग में लेकर कहां-कहां घूमते फिरेंगे? जबकि लाइन बॉक्स की सुरक्षा ड्यूटी के बाद रेलवे के जिम्मे रहती है।

गलत हाथों में पड़ने का सता रहा डर

गार्ड ऐसोसिएशन के सहायक मंत्री जीबीएस त्रिपाठी का कहना है कि ट्रॉली का सबसे अधिक विरोध उसी डेटोनेटर को लेकर ही है। एक बॉक्स में 10 डेटोनेटर होते हैं जिसमें 80 ग्राम विस्फोटक होता है। ड्यूटी से घर जाते या आते वक्त बैग गिर जाए जाए या कोई छीन ले तो हमारी नौकरी तो जाएगी ही, डेटोनेटर का भी गलत हाथों में पड़कर दुरुपयोग हो सकता है। ऐसी स्थिति में हमारा जेल जाना भी तय है। ऐसे में हम सभी आरटीआई से यह जानना चाह रहे हैं कि किसी भी तरह की अनहोनी पर जिम्मेदारी किसकी होगी।

रेलवे प्रॉपर्टी की सुरक्षा कैसे कर पाएंगे

ऑल इंडिया रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के संयुक्त सचिव विनय शर्मा बताते हैं कि अभी जो लाइन बॉक्स दिया जाता है, उसे लाने और ले जाने के लिए एक कर्मचारी की ड्यूटी रहती है। गार्ड की ड्यूटी खत्म होने के बाद बॉक्स को गार्ड लॉबी में रख दिया जाता है। रेलवे अब लाइन बॉक्स को लाने-ले जाने के लिए कर्मचारी को नहीं रखना चाहता। इसीलिए चालकों और गार्डों को ट्रॉली बैग दिया जा रहा है। अगर बैग कोई लूट ले हम उस समय क्या करेंगे कहां जाएंगे। आखिर रेलवे प्रापर्टी की सुरक्षा हम कैसे कर पाएंगे।

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