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मेडिकल का टॉपर स्टूडेंट बना NEET 2020 में सॉल्वर, कॉलेज ने किया सस्पेंड

राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट-2020) में सॉल्वर के रूप में बैठे जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र अवध बिहारी को कॉलेज से निलम्बित कर दिया गया है। उसे हॉस्टल से भी निकाल...

मेडिकल का टॉपर स्टूडेंट बना NEET 2020 में सॉल्वर, कॉलेज ने किया सस्पेंड
हिन्दुस्तान ब्यूरो,कानपुर Fri, 02 Oct 2020 10:25 AM
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राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट-2020) में सॉल्वर के रूप में बैठे जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र अवध बिहारी को कॉलेज से निलम्बित कर दिया गया है। उसे हॉस्टल से भी निकाल दिया गया। कॉलेज प्रशासन ने छात्र प्रभारी की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बना दी है जो उसके बारे में जरूरी जांच करेगी और पुलिस से सम्पर्क रखेगी।

प्राचार्य कैप्टन प्रो. आरबी कमल के मुताबिक विभिन्न समाचार माध्यमों से उन्हें जानकारी मिली है कि मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2016 बैच का छात्र अवध बिहारी नीट-2020 में सॉल्वर गैंग में शामिल था। हालांकि अभी पुलिस ने इसकी अधिकारिक सूचना कॉलेज को नहीं दी है। उसे कॉलेज के छात्रावास से भी गिरफ्तार नहीं किया गया है पर उस पर गंभीर आरोप लगे हैं। इसे देखते हुए उस पर कड़ी कार्रवाई की गई है। ब्वॉयज हॉस्टल-3 में उसके कमरे पर नोटिस लगाया गया है। आरोपित के घर सूचना भेजी जा रही है। शासन को भी रिपोर्ट भेज दी गई है। प्रो. आरबी कमल के मुताबिक छात्र का रिकॉर्ड मंगाया गया है। अब तक जो जानकारी मिली है उसके तहत पढ़ने में वह काफी ठीक है। बताते चलें कि आरोपित छात्र को कानपुर के दो थानों की पुलिस ने संयुक्त रूप से छापमारी करके बुधवार को पूरे गैंग के साथ पकड़ा था। 

बैच में टॉपर रहा है अवध बिहारी 
एमबीबीएस अंतिम वर्ष का छात्र अवध बिहारी पुत्र बाबूलाल टॉपर रहा है। नीट पहली बार वर्ष 2016 में शुरू हुआ है, उसी वर्ष अवध बिहारी ने नीट क्वालीफाई किया। इसमें उसकी रैंक यूपी में 568 रही। मेडिकल कॉलेज में अब तक एक बार भी वह किसी विषय में रोका नहीं गया है। अपने बैच के टॉप 10 छात्रों में उसकी गिनती हो रही है। इसे लेकर कॉलेज के शिक्षक भी खासे हैरान हैं। अंतिम वर्ष के मेडिकल छात्रों की अंतिम परीक्षा फरवरी में होनी है। ये सभी छात्र कोरोना काल में भी बुला लिए गए थे। एमबीबीएस छात्र कोरोना ड्यूटी में भी लगाए गए हैं। 

हॉस्टल में जूनियरों के साथ दो घंटे पढ़ता था
आरोपित छात्र की हॉस्टल में किसी से मिलने-जुलने की आदत नहीं रही है। छात्रावास में भी उसका कम आना-जाना था। अधिकतर वह कोचिंग मंडी में अपने साथी छात्रों के यहां ही ठहरता था। उसके बैच से जूनियर हॉस्टल के एक छात्र का कहना है कि बॉस दो घंटे यहां जूनियरों के साथ पढ़ते थे। कभी इस बात का एहसास नहीं हुआ कि वह इस तरह का काम कर रहे थे। यकीन है कि वह ऐसा नहीं कर रहे होंगे। वह काफी पढ़ते थे और पढ़ने के लिए प्रेरित भी करते थे। 

कुछ और के शामिल होने की आशंका
अवध बिहारी के पकड़े जाने पर हॉस्टल के उसके कुछ पुराने साथी छात्र कहीं चले गए हैं। चर्चा है कि गैंग में कुछ और छात्रों के शामिल होने की आशंका है। हालांकि अभी इसकी अधिकारिक जानकारी मेडिकल कॉलेज या छात्रावास अधीक्षकों के पास नहीं है। कुछ छात्र आपस में इस बात की चर्चा कर रहे थे।

व्यापम से जुड़े हो सकते हैं तार
पकड़ा गया मेडिकल छात्र व्यापम का आरोपित नहीं था, रिकॉर्ड से यह देखा जा चुका है। फिर भी शक की सुई व्यापम पर भी जा रही है। कई छात्रों को सीबीआई पकड़कर ले गई थी। उसे आरोपी नहीं बनाया था, पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था। ऐसे बड़ी संख्या में छात्र हैं। कॉलेज प्रशासन को शक है कि कहीं यह भी छात्र तो शामिल नहीं था। वैसे वर्ष 2015 और 2016 बैच के बड़ी संख्या में छात्र व्यापम में आरोपित बनाए गए थे।

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