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अगस्त में एडमिशन और सितंबर में मिली नौकरी, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में 70 फीसदी स्टूडेंट्स का हुआ प्लेसमेंट

कानपुर स्थित शर्करा संस्थान में चल रहे प्लेसमेंट में 144 स्टूडेंट्स को नौकरी मिल गई है। छात्रों ने अगस्त में विभिन्न कोर्सों में दाखिला लिया और सितंबर में तीन लाख रुपये सालाना पैकेज की नौकरी मिल गई।

अगस्त में एडमिशन और सितंबर में मिली नौकरी, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में 70 फीसदी स्टूडेंट्स का हुआ प्लेसमेंट
Pawan Kumar Sharmaहिन्दुस्तान,कानपुरTue, 27 Sep 2022 10:30 AM

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कानपुर के राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) में चल रहे प्लेसमेंट ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस बार छात्रों ने अगस्त में विभिन्न कोर्सों में एडमिशन कराया और सितंबर में तीन लाख रुपये सालाना के पैकेज पर नौकरी का ऑफर मिल गया। संस्थान में संचालित विभिन्न डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स में 63 छात्र-छात्राओं ने एडमिशन लिया था। अभी संस्थान में कुछ चैप्टर ही पढ़े थे कि प्लेसमेंट के लिए आईं कंपनियों ने 44 स्टूडेंट्स को आकर्षक पैकेज की जॉब दे दी। अच्छी बात ये है कि प्लेसमेंट के पहले चरण में पहली बार 70 फीसदी छात्र-छात्राओं को जॉब मिल गई, जबकि पिछले साल तीन चरणों के बाद भी 80 फीसदी का स्टूडेट्स का कैंपस प्लेसमेंट हो पाता था। 

राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि कैंपस प्लेसमेंट में 200 छात्रों का पंजीकरण हैं, जिसमें से 144 को नौकरी मिल गई है। अल्होहल टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करने वाले सभी 39 छात्रों को जॉब मिल गई। 8 से 25 सितंबर के बीच चले प्लेसमेंट ड्राइव के पहले चरण में 12 कंपनियों ने शुगर टेक्नोलॉजी, शुगर इंजीनियरिंग, अल्कोहल टेक्नोलॉजी, गुणवत्ता नियंत्रण, शुगर बॉयलिंग और पर्यावरण विज्ञान के 144 छात्रों को जॉब दी। तीन छात्रों को सबसे अधिकतम पैकेज छह लाख का मिला है। पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्रों को पांच से छह लाख का पैकेज मिला है। वही डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स के छात्रों ने दो से तीन लाख का पैकेज मिला है।

प्रो. डी स्वेन ने बताया कि प्लेसमेंट का दूसरा चरण 27 सितंबर से 15 अक्तूबर के बीच चलेगा, जिसमें त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्री, द्वारिकेश शुगर लिमटेड, धामपुर बायो ऑर्गेनिक्स समेत आठ कंपनियां प्लेसमेंट के लिए आ रही हैं। छात्रों का चयन देश के सभी प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में हुआ है। 

चार माह का कोर्स कर मिली दो लाख की नौकरी

प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि संस्थान में चार महीने के कई शॉर्ट टर्म कोर्स चलाए जाते हैं। इन कोर्सों में पढ़ने वाले छात्रों को दो लाख रुपये तक की नौकरी मिली है। पिछले तीन-चार सालों में इथेनॉल इकाई और शर्करा उद्योग तेजी से ग्रोथ कर रहा है। नतीजा, छात्रों को बेहतर रोजगार मिल रहा है। कई कंपनियां विभिन्न कोर्सों में सीटें बढ़ाने का भी दबाव बना रही हैं। 

शर्करा उद्योग में बढ़ी डिमांड

प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि अल्कोहल टेक्नोलॉजी, शुगर इंजीनियरिंग और क्वालिटी कंट्रोल के विशेषज्ञों की मांग लगातार बढ़ रही है। इंडस्ट्री की मांग के मुताबिक छात्रों की संख्या कम पड़ रही है जिसे देखते हुए मंत्रालय के निर्देशानुसार इस सत्र से सीटों में इजाफा किया गया है।

तीन कोर्सों में बढ़ाईं गई सीटें

       कोर्स                             पुरानी सीट                  नई सीट

अल्कोहल टेक्नोलॉजी                  38                          50
शुगर इंजीनियरिंग                       32                          40
क्वालिटी कंट्रोल                          20                          30

रिकार्ड चीनी व इथेनॉल का लक्ष्य पूरा

प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि इस साल चीनी और इथेनॉल का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। इथेनॉल का लक्ष्य भी पूरा हुआ है। इस साल 158 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जिसमें 112 लाख टन निर्यात करने की तैयारी है। वहीं, पेट्रोल में इथेनॉल ब्लडिंग के 10 फीसदी लक्ष्य को भी पूरा करने की तैयारी है। करीब 435 से 450 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पादन होगा। इसमें 40 से 50 करोड़ लीटर इथेनॉल अनाज से और बाकी चीनी से तैयार होगा।

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