MP के फार्मूले ने यूपी के बीजेपी सांसदों में टिकटों को लेकर मचाई खलबली, 2024 में पार्टी कर सकती है बड़ा बदलाव
UP के करीब दो दर्जन सांसद ऐसे हैं, जिनके बारे में न जनता की राय अच्छी है और न ही पार्टी कार्यकर्ताओं की। 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी के टिकटों में भी बड़े बदलाव से इंकार नहीं किया जा सकता।

BJP MP: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर टिकटों में भारी-भरकम बदलाव ने यूपी के भाजपाइयों में भी खलबली मचा दी है। खासतौर से उन सांसदों की, जिनकी रिपोर्ट पार्टी द्वारा कराए गए विभिन्न सर्वेक्षण में अच्छी नहीं आई। प्रदेश के करीब दो दर्जन सांसद ऐसे हैं, जिनके बारे में न जनता की राय अच्छी है और न ही पार्टी कार्यकर्ताओं की। ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी के टिकटों में भी बड़े बदलाव से इंकार नहीं किया जा सकता।
अप्रत्याशित फैसलों के लिए पहचाने जाने वाले भाजपा नेतृत्व ने मध्य प्रदेश के टिकट वितरण से फिर सबको चौंका दिया है। चुनाव कोई भी हो, पार्टी नेतृत्व का टिकट वितरण का एकमात्र मानक जिताऊ होना है। नेतृत्व के इस मानक पर फिलहाल यूपी के कई मौजूदा सांसद खरे उतरते नहीं दिख रहे।
ऐसे कैसे पूरा होगा मिशन-80 भाजपा ने सहयोगियों संग 2019 में प्रदेश की 80 में से 64 सीटें जीती थीं। उपचुनावों में आजमगढ़ और रामपुर में मिली जीत के बाद यह आंकड़ा 66 हो गया। इस बार भगवा दल ने यूपी में सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
पार्टी द्वारा अब प्रदेश में कई स्तर पर सांसदों के कामकाज और उनकी लोकप्रियता का आंकलन कराया गया है। मगर दो दर्जन के आसपास सांसद इस सर्वेक्षण में फेल रहे हैं। कुछ सांसद उम्रदराज हैं तो कई किसी न किसी कारण से पार्टी को असहज किए हुए हैं। इन हालात में मिशन-80 तक पहुंचने की डगर मुश्किल हो सकती है।
उम्र के फेर में फंस सकते हैं कई सांसद
भाजपा ने 75 पार वालों को टिकट न देने का फार्मूला पूर्व में तय किया था। यदि यह प्रभावी रहा तो प्रदेश के करीब आधा दर्जन सांसद इस फेर में फंस सकते हैं। इनमें कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी, बरेली के सांसद संतोष गंगवार, बहराइच के सांसद अक्षयवर लाल गौंड, मथुरा की सांसद हेमा मालिनी, प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी और मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल शामिल हैं।
हालांकि राजेंद्र अग्रवाल की उम्र चुनाव के वक्त करीब 74 साल होगी। वहीं सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की पुत्री संघमित्रा मौर्य को लेकर पार्टी असहज है। कैसरगंज के सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह भी बीते दिनों विवादों में थें।
1. मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिग्गजों को उतारने से प्रदेश के सांसदों के कान खड़े हुए
2. पार्टी के कई स्तर पर कराए गए आंतरिक सर्वेक्षण में करीब दो दर्जन सांसदों की स्थिति खराब
3. रायशुमारी में जनता बोली जीतने के बाद क्षेत्र से कट गए, 2024 में हो सकता है बड़ा उलटफेर
4. भाजपा ने रखा है यूपी में 80 सीटें जीतने का लक्ष्य,2019 में सहयोगी संग जीतीं थीं 64सीटें
