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दंपति की मौत का कारण बना घरेलू कलह : विवाद के बाद दो बच्चों की मां ने घर और पिता ने पेड़ से लटक कर दे दी जान 

सजेती थाना क्षेत्र के निबियाखेड़ा गांव में घरेलू विवाद के बाद पहले पत्नी ने फिर पति ने फांसी लगाकर जान दे दी। पत्नी का शव घर में व पति का शव पेड़ से लटकता मिला। गांव के बाबूराम यादव के इकलौते...

दंपति की मौत का कारण बना घरेलू कलह : विवाद के बाद दो बच्चों की मां ने घर और पिता ने पेड़ से लटक कर दे दी जान 
घाटमपुर। हिन्दुस्तान संवाद Sat, 06 Mar 2021 11:37 PM
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सजेती थाना क्षेत्र के निबियाखेड़ा गांव में घरेलू विवाद के बाद पहले पत्नी ने फिर पति ने फांसी लगाकर जान दे दी। पत्नी का शव घर में व पति का शव पेड़ से लटकता मिला। गांव के बाबूराम यादव के इकलौते बेटे अरविन्द (30)  की शादी आठ साल पहले बांदा जिले के लुक्तरा निवासी संध्या (25) से हुई थी। दोनों के दो बच्चे जान्हवी (6) व दिव्यांश (3) हैं। नशे के लती अरविन्द का अपने माता पिता व पत्नी से अक्सर विवाद होता रहता था। इन्हीं कारणों से दो साल से माता पिता कानपुर में किराए के घर में रहने लगे। गांव में अरविंद ही पत्नी, बच्चों के साथ रहता था।

गांव वालों के मुताबिक प्रतिदिन पति- पत्नी में विवाद होता था। शनिवार को भी दोनों में झगड़ा हुआ और अरविन्द खेत की ओर चला गया। बच्चे चाचा के घर चले गए। दोपहर करीब एक बजे जब वह घर लौटा तो संध्या का शव गमछे के सहारे छत के कुंडे से लटक रहा था। शव देख अरविन्द अवाक रह गया। एसओ रावेन्द्र मिश्र ने बताया कि अरविन्द ने शव को नीचे उतारकर जमीन पर रखा और कुछ देर बाद गमछा लेकर खेत की ओर निकल गया।

अशर्फीलाल के खेत में स्थित पेड़ से गमछे के सहारे फांसी लगा ली। करीब एक घंटे बाद खेतों की ओर पहुंचे ग्रामीणों ने उसका शव लटका देखा तो परिवार के लोगों को सूचना दी। परिजन घर पहुंचे तो घर में पत्नी का भी शव पड़ा था। जानकारी पर कुआंखेड़ा चौकी इंचार्ज, एसओ सजेती मौके पर पहुंचे। देर शाम सीओ भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने बताया कि मृतक के परिजनों ने आत्महत्या का कारण परिवारिक कलह बताया है। शवों के पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। 

कोने में बैठे मां को निहारते रहे बच्चे
घाटमपुर। जिस वक्त संध्या ने फांसी लगाई उस समय दोनों बच्चे जान्हवी (6) व दिव्यांश (3) कुछ दूर पर रहने वाले अरविन्द के चाचा राकेश के घर में खेल रहे थे। घटना के बाद भी वह दोनों वहीं खेलते रहे लेकिन कई घण्टे बाद वह अपने घर पहुंचे। यहां भारी भीड़ देखकर दोनों सहम कर एक कोने में खड़े हो गये लेकिन मासूम दिव्यांश भूख से बेहाल था। ग्रामीणों ने बताया कि दिव्यांश अभी भी मां का दूध पीता था और वह भीड़ में अपनी मां को ढूंढ रहा था लेकिन उसकी मां नहीं दिख रही थी। मामला बहन जान्हवी को भी समझ नहीं आ रहा था तो दोनों एक दूसरे के साथ कोने में बैठ गए। शायद उन मासूमों को इस बात का अंदाजा नही था कि अब उनके मम्मी-पापा दुनिया में नही हैं। 

पिटाई से आहत माता पिता ने छोड़ा था घर 
ग्रामीणों ने बताया कि नशे का लती अरविन्द बेहद गुस्सैल स्वभाव का था। दो साल पहले माता पिता को पीटा था। परेशान होकर पिता बाबूराम व मां सोमवती कानपुर में रहने लगे थे। वह कानपुर में किसी की गाड़ी चलाते हैं। पिछले दिनों मां घर आई थीं लेकिन अरविन्द फिर से झगड़ गया तो वह अपने मायके चली गईं। अरविन्द के स्वभाव के कारण उसके आस पड़ोस में रहने वाले चाचा व उसके भाई भी उसके घर नहीं आते थे। 

जहर व शराब की शीशी मिली
पेड़ से लटक रहे अरविंद के शव के पास ही देशी शराब की शीशी, खाली गिलास तथा जहर की गोली पड़ी थी। पुलिस ने इन वस्तुओं को कब्जे में ले लिया है। माना जा रहा है कि उसने जहर खाने के बाद फांसी लगाई है। 

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