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गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए 200 से ज्यादा पदों पर होगी भर्ती

गंगा एक्सप्रेसवे जैसी मेगा परियोजना के लिए बड़ी तादाद में अभियंता, तहसीलदार, लेखपाल, लेखाकार, वन अधिकारी व कम्यूप्टर आपरेटर की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए करीब 211 पदों का सृजन किया जाएगा। यह सभी कार्मिक...

गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए 200 से ज्यादा पदों पर होगी भर्ती
राज्य मुख्यालय विशेष संवाददाताThu, 26 Nov 2020 11:19 PM
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गंगा एक्सप्रेसवे जैसी मेगा परियोजना के लिए बड़ी तादाद में अभियंता, तहसीलदार, लेखपाल, लेखाकार, वन अधिकारी व कम्यूप्टर आपरेटर की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए करीब 211 पदों का सृजन किया जाएगा। यह सभी कार्मिक यूपीडा को दिए जाएंगे। एक्सप्रेसवे के लिए यूपीडा को ग्राम सभा की जमीन भी मुफ्त दी जाएगी। 

औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने गुरुवार को आदेश जारी कर दिया। इसके मुताबिक वित्त, लेखा , राजस्व व अन्य क्षेत्र के कार्मिकों के लिए पदों का सृजन अलग प्रस्ताव के जरिए वित्त विभाग की सहमति से किया जाएगा। इसमें एक्सप्रेस-वे के हर पैकेज में चार-चार के हिसाब से 48 जूनियर इंजीनियर सिविल तैनात होंगे। 36 सहायक अभियंता, 16 अधिशासी अभियंता, 4 अधीक्षण अभियंता, दो मुख्य अभियंता सिविल तैनात होंगे। 

परियोजना के संपूर्ण प्रबंधन व नियंत्रक अधिकारी के तौर पर एक प्रमुख अभियंता बतौर वरिष्ठ महाप्रबंधक सिविल तैनात होगा। इसके अलावा 5 उपजिलाधिकारी, 12 तहसीलदार व चार लेखपाल तैनात होंगे। यह सब जमीन अधिग्रहण का काम देखेंगे। 16 लेखाकार, दो लेखाधिकारी व एक वित्त अधिकारी मुख्यालय पर तैनात होंगे। यूटीलिटी शिफ्टिंग के दौरान पेड़ गिराने, उसके एवज में वृक्षारोपण, व अन्य काम के लिए 12 फारेस्टर, डिप्टी रेंजर,उप वृक्षारोपण अधिकारी , दो क्षेत्रीय वनाधिकारी व एक सहायक वन संरक्षक तैनात होंगे।  इसके अलावा 46 कम्प्यूटर आपरेट, लिपिक व 50 अनुसेवक भी रखे जाएंगे। 

अब जल्द पैसा जुटाने का चलेगा अभियान 
परियोजना के लिए धन जुटाने के वास्ते बैंकों से कर्ज लिया जाएगा। अतिरिक्त आमदनी के लिए आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के टोल टैक्स का मोनेटाइजेशन यानी मुद्रीकरण किया जाएगा। इससे गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए 4500 करोड़ रुपये मिल जाएंगे। इस काम के लिए जल्द सलाहकार का चयन होगा। इसके साथ ही आईडीसी की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी बनेगी। इसकी अनुशंसा पर निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे। 

गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना में अब जल्द यह काम होंगे 
--कैबिनेट से निर्णय होने के बाद अब डीपीआर का मूल्याकंन कराया जाएगा
--जून से निर्माण कार्य शुरू होगा। इससे पहले 12 जिलों के 529 गांव में जमीन अधिग्रहण का काम छह महीने में करना होगा। 
--पहले गंगा एक्सप्रेसवे  परियोजना को पीपीपी माडल पर चलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 
विदेशी निवेश पर भी विचार किया जाएगा। 
--संसाधन जुटाने के लिए वित्तीय कंपनियों को तलाशने व लाने का काम एसबीआई कैपिटल मार्केट को दिया गया है। इसके बदले उसे बतौर फीस 50 लाख रुपये सरकार देगी।

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