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काशी में मोदी: पीएम की एक झलक पाने को दिखी बेताबी, हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंजता रहा वाराणसी

सम्पूर्णानंद मैदान से लेकर कालभैरव चौराहे तक भीड़ ही नजर आ रही थी। सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की  झलक पाने के लिए उत्साहित थे। कोई बालकनी में खड़ा था तो कोई  छतों पर कुर्सी लगाकर जम गया...

काशी में मोदी: पीएम की एक झलक पाने को दिखी बेताबी, हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंजता रहा वाराणसी
Dinesh Rathourवाराणसी। वरिष्ठ संवाददाताMon, 13 Dec 2021 06:51 PM

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सम्पूर्णानंद मैदान से लेकर कालभैरव चौराहे तक भीड़ ही नजर आ रही थी। सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की  झलक पाने के लिए उत्साहित थे। कोई बालकनी में खड़ा था तो कोई  छतों पर कुर्सी लगाकर जम गया था। 10.54 बजे जैसे ही प्रधानमंत्री का खाफिला लहुराबीर पहुंचा, पूरा इलाका हर हर महादेव के उद्घोष से गूंजने लगा। पीएम ने भी दोनों हाथ उठाकर लोगों का अभिवादन किया। पिपलानी कटरा, कबीरचौरा, मैदागिन और कालभैरव चौराहा तक यही दृश्य था। 

पिपलानी कटरा : बुजुर्ग महिलाएं, पुरुष और युवा पीएम को देखने के लिए बेताब दिखे। लोग अपने घरों की छतों पर खड़े  थे। रामकटोरा चौराहे से प्रधानमंत्री मोदी का काफिला लगभग सुबह 10: 55 बजे विश्वनाथ धाम के लिए गुजरा। 

कबीरचौरा चौराहा: सड़क पर आते-जाते लोगों को पुलिस रोक रही थी। पुलिस बंद दुकानें खोलने का आग्रह कर रही थी। मंडलीय अस्पताल के ठीक सामने एक मेडिकल स्टोर के पास आधा दर्जन लोग खड़े थे। डॉ. संतोष यादव ने टिप्पणी की कि काशीवासियों का ही नहीं, पूरे देश का सपना पूरा हुआ। मन्नू लाल ने कहा कि आज पीएम-सीएम का नहीं, दो संतों का काशी में आगमन हुआ है। 

वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले से लगभग 10 मिनट पूर्व आने वाली स्कार्ट में शामिल एक वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गया। लहुराबीर चौराहे पर निर्माण कार्य के लिए रखा सामान हरे रंग के तिरपाल से ढका था। पीएम के काफिले में शामिल एक वाहन अनियंत्रित हो गया लेकिन चालक की मुस्तैदी से वाहन टकराने से बच गया। 

दो घंटे बाद खोला गया रास्ता: लहुराबीर से राजघाट तक लोगों का आवागमन पीएम मोदी का फ्लीट जाने के बाद भी बंद रहा। इस दौरान सिर्फ पदयात्रियों को छूट दी जा रही थी। लगभग दो घंटे बाद रास्ता खोला गया। 

दोपहर बाद खुली दुकानें: लहुराबीर से राजघाट तक आधी से अधिक दुकानें बंद थीं। जो खुली थीं, वहां ग्राहक नहीं थे। दोपहर दो बजे के बाद दुकानें खुलनी शुरू हुईं। शाम तक पूरा इलाका गुजार हो गया।

 
 

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